धर्मशाला,18 सितंबर : शहर के प्राचीन श्री सिद्ध हनुमान मंदिर में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का शनिवार को समापन हुआ। भागवत कथा में चार वेद, पुराण, गीता एवं श्रीमद् भागवत महापुराण की व्याख्या, प्रभुपाद, महंत पुनीत गिरी जी महाराज के मुखारविंद से उपस्थित भक्तों ने श्रवण किया।
विगत सात दिनों तक भगवान श्री कृष्ण जी के वात्सल्य प्रेम, असीम प्रेम के अलावा उनके द्वारा किए गए विभिन्न लीलाओं का वर्णन कर वर्तमान समय में समाज में व्याप्त अत्याचार, अनाचार, कटुता, व्यभिचार को दूर कर सुंदर समाज निर्माण के लिए युवाओं को प्रेरित किया।
इस धार्मिक अनुष्ठान के सातवें एवं अंतिम दिन भगवान श्री कृष्ण के सर्वोपरि लीला श्री रास लीला, मथुरा गमन, दुष्ट कंस राजा के अत्याचार से मुक्ति के लिए कंस वध, कुब्जा उद्धार, रुक्मणी विवाह, शिशुपाल वध एवं सुदामा चरित्र का वर्णन कर लोगों को भक्ति रस में डुबो दिया।
इस दौरान भजन गायन ने उपस्थित लोगों को ताल एवं धुन पर नृत्य करने के लिए विवश कर दिया। महंत पुनीत गिरी जी महाराज ने सुंदर समाज निर्माण के लिए गीता से कई उपदेश के माध्यम अपने को उस अनुरूप आचरण करने को कहा जो काम प्रेम के माध्यम से संभव है, वह हिंसा से संभव नहीं हो सकता है। समाज में कुछ लोग ही अच्छे कर्मों द्वारा सदैव चिर स्मरणीय होता है, इतिहास इसका साक्षी है।
इस सात दिवसीय भागवत कथा में आस-पास गांव के अलावा दूर दराज से काफी संख्या में महिला-पुरुष भक्तों ने इस कथा का आनंद उठाया। सात दिनों तक इस कथा में पूरा वातावरण भक्तिमय रहा। प्रवचन के बाद अवस्थी परिवार के द्वारा उपस्थित भक्तों के बीच प्रसाद वितरण किया गया और रविवार को यज्ञ की पूर्णाहुति के साथ भंडारे का आयोजन किया जाएगा।