चंबा, 18 अप्रैल : चंबा मेटल क्राफ्ट को “जीआई” टैग (भौगोलिक संकेत) की सूची में शामिल करने को लेकर जिला प्रशासन चंबा की पहल पर हिमाचल प्रदेश पेटेंट सूचना केंद्र शिमला ने पारंपरिक मूल्यवान संभावित उत्पादन के भौगोलिक उपदर्शन संकेत (GI-TAG) के तहत प्रक्रिया को पूर्ण किया किया है।
उपायुक्त डीसी राणा ने जानकारी देते हुए बताया कि चंबा के धातु शिल्प को ” जीआई” टैग की सूची में शामिल करने के लिए सभी विभागीय औपचारिकताएं पूर्ण करने के बाद चेन्नई स्थित पंजीयक को जीआई अधिनियम 1999 के तहत “चंबा मेटल क्राफ्ट” के नाम पर पंजीकरण करने के लिए चंबा मेटल क्राफ्ट सोसायटी के सहयोग से हिमाचल प्रदेश विज्ञान,प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद ( हिमकोस्टे) द्वारा मामला प्रेषित कर दिया गया है ।
गौरतलब है कि चम्बा की समृद्ध कला एवं संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन को लेकर जिला प्रशासन ने पहल करते हुए चंबयाल नामक प्रोजेक्ट शुरू किया है। प्रोजेक्ट को व्यवहारिक रूप देने के लिए प्रशासन द्वारा विभिन्न आर्ट एंड क्राफ्ट सोसायटियों को पंजीकृत किया गया है। जिला के धातु शिल्प उत्पादों में चंबा थाल ” को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान मिली है। अति विशिष्ट व्यक्तियों को ज़िला की ये बेजोड़ धातु शिल्प कला कृति बतौर स्मृति चिन्ह प्रदान की जा चुकी है। इसके अलावा चंबा के पारंपरिक धातु शिल्प कलाकृतियों में विख्यात मूर्तिकला, विभिन्न वाद्य यंत्र, उपहार और स्मृतिचिन्ह भी विशेष तौर पर प्रसिद्ध हैं । मेटल क्राफ्ट क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए जिला से प्रकाश चंद और हाकम सिंह को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
डीसी राणा बताया कि हिमाचल प्रदेश पेटेंट सूचना केंद्र द्वारा जिला के प्रसिद्ध कला उत्पाद चंबा रुमाल, और चंबा चप्पल को जीआई अधिनियम 1999 के तहत “जीआई” टैग हासिल हो चुका है। जिला के चंबा मेटल क्राफ्ट को “ज्योग्राफिकल-इंडिकेशन” टैग की सूची में शामिल करने को लेकर सभी विभागीय प्रक्रियाओं को पूरा किया गया है। धातु शिल्प को ” जीआई” टैग मिलने के बाद इस व्यवसाय में आपकी अपनी जीविका उपार्जन करने वाले शिल्पकारों की आर्थिक सशक्त होने के साथ एस्पिरेशनल जिला चंबा को एक और सम्मानित उपलब्धि हासिल होगी।