चंबा, 25 फरवरी : उपायुक्त डीसी राणा की अध्यक्षता में केंद्रीय क्षेत्र योजना “किसान उत्पादक संगठन के गठन एवं संवर्धन” के तहत जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक का आयोजन किया गया। उपायुक्त ने कहा कि चूंकि किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की किसानों को उनकी पैदावार की एवज में बेहतर दाम उपलब्ध करवाने के लिए भूमिका महत्वपूर्ण है। ऐसे में सभी संबंधित विभागों द्वारा किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ बनाने के लिए विकास मॉडल बनाए जाएं।
डीसी राणा ने यह निर्देश भी दिए कि विभिन्न विभागीय योजनाओं को एफ़पीओ के साथ जोड़ा जाना सुनिश्चित बनाया जाए, ताकि एफ़पीओ को अपने व्यापार को और बेहतर बनाने में मदद मिल सके। जिला में कृषि कार्यों के साथ संबंधित गतिविधियों में कार्यशील कृषि सखी और स्वयं सहायता समूह से संबंधित कार्यों की समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने इन्हें भी किसान उत्पादक संगठनों के साथ जोड़ने के निर्देश दिए। बैठक में नाबार्ड के जिला विकास प्रबन्धक साहिल स्वांगला ने अगवत किया कि नाबार्ड द्वारा गठन किए गए दो एफ़पीओ को सरकार द्वारा 6 लाख रुपये और 1.44 लाख रुपये की मिलान इक्विटी अनुदान के रूप में जारी की गयी है। जारी इक्विटी अनुदान का उपयोग किसान उत्पादक संगठन द्वारा प्राथमिक प्रसंस्करण, पैकेजिंग और मार्केटिंग के विकास के लिए किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि किसान उत्पादक संगठन को बैंक के माध्यम से मुख्य मंत्री कृषि कोष योजना, कृषि अवसंरचना कोष और पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज के साथ जोड़ा जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि ज़िला में इस योजना के अंतर्गत छह किसान उत्पादक संगठन के गठन एंव संवर्धन से संबंधित कार्य प्रगति पर है । इसके तहत तीन संगठन राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), दो लघु कृषक-कृषि व्यापार संघ (सएफ़एसी) और एक राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नाफेड) द्वारा बनाए जा रहे हैं। इसके साथ चार किसान उत्पादक संगठनों का कंपनी एक्ट के अंतर्गत गठन किया जा चुका है। जबकि दो उत्पादक संगठन की प्रक्रिया जारी है।
बैठक में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी अमित मैहरा, उप निदेशक कृषि कुलदीप धीमान, सहायक निदेशक पशुपालन विभाग डॉ दिनेश, जिला प्रबंधक अग्रणी बैंक भूपेन्द्र सिंह, सहायक पंजीयक सहकारिता एस संतोष कुमार, सचिव जिला मार्केट कमेटी दीक्षित, बागवानी विस्तार अधिकारी अमिता अबरोल एवं दिव्या और क्लस्टर आधारित व्यापार संगठनों सीबीबीओ के प्रतिनिधि मौजूद रहे।