शिमला, 09 अगस्त : हिमाचल विधानसभा में सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान एसएमसी शिक्षकों के नियमितीकरण का मामला गूंजा। कांग्रेस के विधायक विनय कुमार ने एसएमसी शिक्षकों के नियमितीकरण को लेकर नीति बनाने पर राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा। इसके जबाब में शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर की अनुपस्थिति में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सदन को बताया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 24 नवंबर 2020 की दिए गए निर्णय के दृष्टिगत मामले का परीक्षण करने की बात कही। उन्होंने बताया कि इनके मानदेय में वर्तमान सरकार ने बढ़ोतरी की है।
प्रदेश में दो साल से नहीं हुई कला और शारीरिक शिक्षकों की भर्ती
कांग्रेस विधायक इंद्रदत लखनपाल के सवाल के लिखित जवाब में शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2019 के बाद कला व शारीरिक शिक्षकों के पद नहीं भरे गए हैं। उन्होंने बताया कि जिन स्कूलों में ये पद रिक्त चल रहे हैं, वहां समीपवर्ती स्कलों से इन विषयों के शिक्षकों को कुछ दिनों के लिए प्रतिनियुक्ति के माध्यम से ये विषय पढ़ाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि माध्यमिक स्कूलों आरटीई एकट 2009 के अनुसार 100 या इससे अधिक संख्या वाले स्कूलों में ही इनके पद देने का प्रावधान है। जबकि हाई व सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में कोई रोक नहीं है। उन्होंने कहा कि इन पदों को भरने का मामला विचाराधीन है।
सरकारी कालेजों में अधीक्षक ग्रेड-दो के 24 पद खाली
भाजपा विधायक रमेश चंद धवाला के सवाल के लिखित जवाब में शिक्षा मंत्री ने बताया कि वर्तमान में शिक्षा विभाग में अधीक्षक गे्रड-दो के 1380 पद स्वीकृत हैं तथा 24 पद रिक्त हैं। उन्होंने कहा कि रिक्त पदों को भरना एक निरंतर प्रक्रिया है, जिन्हें पदोन्नति के माध्यम से समय-समय पर भरा जाता है।
निदेशालय, उच्चतर शिक्षा व प्रारंभिक शिक्षा विभाग में अधीक्षक ग्रेड-दो के 110 पद स्वीकृत हैं, जिनमें कोई भी रिक्त नहीं है। उपनिदेशक उच्च शिक्षा व प्रारंभिक शिक्षा कार्यालयों में 105 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से कोई भी पद खाली नहीं है। इसी तरह खंड प्रारंभिक शिक्षा कार्यालयों में 227 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से कोई भी रिक्त नहीं है। इसके अतिरिक्त सरकारी कालेजों में 140 पद स्वीकृत हैं और इनमें 24 पद रिक्त हैं। एनसीसी, केंद्रीय राज्य पुस्तकालय सोलन व राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में 937 पद अधीक्षक ग्रेड-दो के स्वीकृत हैं, जिनमें से कोई भी पद खाली नहीं है।
दो तहसीलदारों का एक ही तहसील में 3 साल से अधिक कार्यकाल
तहसीलदारों के स्थानांतरण संबंधी भाजपा विधायक रमेश धवाला के सवाल पर राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ने बताया कि प्रदेश में मौजूदा समय में केवल दो तहसीलदार ऐसे हैं, जिनका कार्यकाल एक ही तहसील में तीन वर्ष से अधिक है। इनमें मंडी जिला के ओैट के तहसीलदार रमेश सिंह और सोलन के बद्दी के तहसीलदार मुकेश शर्मा शामिल हैं।
राजस्व मंत्री ने बताया कि तहसीलदार ओैट रमेश सिंह का तबादला 23 अप्रैल 2021 को तहसील ओैट से तहसील सिंहुता जिला चंबा को किया गया था। परंतु बाद में प्रशासनिक कारणों से तबादला आदेश दिनांक 6 मई 2021 को रद्द कर दिया गया। वहीं तहसीलदार बद्दी मुकेश शर्मा का मामला जिला राजस्व अधिकारी/हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवाओं के पद पर पदोन्नति के लिए विचाराधीन है। मंत्री ने बताया कि तीन साल का कार्यकाल पूरा होने पर तबादला किया जाता है तथा तहसीलदार ओैट के तहसीलदार ओैट के तबादले का मामला सरकार के विचाराधीन है।