नाहन, 11 दिसम्बर : एमएसएमई विकास कार्यालय के सहयोग से राज्य की पीएचडीसीसीआई द्वारा चौगान ग्राउंड नाहन में एमएसएमई मंत्रालय की खरीद व विपणन सहायता योजना के अंतर्गत तीन दिवसीय प्रदर्शनी व्यापार मेला के द्वितीय दिवस में एक दिवसीय नेशनल सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि अजय सोलंकी, विधायक, नाहन विधानसभा क्षेत्र तथा उपायुक्त सिरमौर सुमित खिमटाबतौर विशिष्ठ अतिथि उपस्थित रहे।
अजय सोलंकी ने अपने संबोधन में कहा कि यह सेमिनार भावी उद्यमियों व पहले से उद्यम कर रहे उद्यमियों के लिए कारगर साबित होगा तथा केंद्र सरकार, राज्य सरकार व बैंकों द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के संवर्धन व विकास हेतु चलाई जा रही योजनाओं के बारे में भी उद्यमी जागरूक होंगे। उन्होंने स्वयं सहायता समूह व उद्यमियों से एमएसएमई की योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने का आह्वान किया।
उन्होंने बताया कि राज्य में वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान दो प्रदर्शनी व्यापार मेला का आयोजन करवाया जा चुका है और साथ ही इस वित्त वर्ष में राज्य के 50 से भी ज्यादा सूक्ष्म व लघु उद्यम इस योजना का लाभ उठा चुके हैं। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 1 लाख 89 हजार से ज्यादा उद्यम पंजीकृत हैं। साथ ही जेड योजना के अंतर्गत राज्य में 1600 कांस्य, 09 रजत एवं 10 स्वर्ण प्रमाण पत्र उद्यमों को दिए जा चुके हैं। क्लस्टर योजना के अंतर्गत राज्य में एक क्लस्टर का भी अनुमोदन मंत्रालय के द्वारा किया जा चुका है और साथ ही औद्योगिक क्षेत्रों के विकास हेतु 60 करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट मंत्रालय द्वारा अनुमोदित किए जा चुके हैं।
इस अवसर पर अशोक कुमार गौतम, भारतीय उद्यम विकास सेवा, सहायक निदेशक ने विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से संबंधित उपस्थित उद्यमियों से विस्तृत जानकारी दी। सेमिनार के दौरान उपस्थित विभिन्न संस्थाओं से आए अतिथि वक्ता भारतीय रिजर्व बैंक के राहुल जोशी, सिडबी के वरुण सिंघवाल एवं शशांक कुमार, एनएसआईसी-एससी एसटी हब केे सूर्वभूषण, जेम के मीर जहूर, फिओ केे विनय शर्मा, जिला उद्योग केंद्र/उद्योग विभाग के डॉ ठाकुर भगत एवं राहुल शर्मास, एमएसएमई-टीसी के सुखमान सिह, क्यूसीआई-एमएसएमई पीसीआई के अंबेडकर काशियाना ने अपने-अपने विभागों द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के संवर्धन व विकास हेतु चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी एवं उद्यमियों को जागरूक किया।
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी व्यापार मेला में सिरमौर तथा हि0 प्र0 के अन्य राज्यों से आए हुए सूक्ष्म एवं लघु उद्यम अपने-अपने उत्पादों की प्रदर्शनी व बिक्री कर रहे हैं, उनको राज्य के संबंधित एमएसएमई-विकास कार्यालय द्वारा एमएसएमई मंत्रालय की खरीद व विपणन सहायता योजना के दिशा-निर्देशों के अनुरूप स्टॉल खर्च व कंटिजेंसी खर्च (अधिकतम 80 हजार) की अदायगी की जाएगी।