केलांग में भूकंप और भूस्खलन की घटना पर आधारित मॉक ड्रिल का आयोजन 

केलांग, 8 नवंबर : जनजातीय जिला लाहौल स्पीति के मुख्यालय केेलांग में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण लाहौल स्पीति  के तत्वाधान भूकंप और भूस्खलन की घटना पर आधारित मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान दो परिदृश्य तैयार कर ओल्ड पुलिस लाइन में भूकंप से  क्षतिग्रस्त भवन में 6 लोगों के अंदर फंसे होने तथा शक्स नाले मेें भूस्खलन की घटना  होने पर चार घायल लोगों   को राहत पहुँचाने  तथा सड़क, बिजली, पानी बहाल करने का अभियान चलाया गया।  इस दौरान एनडीआरएफ, पुलिस, सिविल डिफेंस, स्वास्थ्य, जल शक्ति, होमगार्ड, लोक निर्माण, विद्युत बोर्ड, राजस्व सहित अन्य विभागों ने आपसी समन्वय से मॉक ड्रिल में बचाव अभियान को सफलतापूर्वक पूरा किया। 

पहली घटना में सुबह 11 बजे ओल्ड पुलिस लाइन में भूकंप आने पर 6 लोगों के अंदर फंसे होने की सूचना प्रशासन को मिलती है। जिला प्रशासन के निर्देश पर पुलिस, सिविल डिफेंस, मेडिकल की टीम मौके पर पंहुचती है। मुश्किल हालात होने पर  एनडीआरएफ की टीम को बचाव कार्य के लिए बुलाया गया।  एनडीआरएफ, पुलिस, अग्निशमन विभाग और स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए  घटनास्थल पर रेस्क्यू कार्य शुरू किया और अंदर फंसे 2 मृतकों और 4 घायलों को बाहर निकाला गया। टीमों द्वारा 2 घायलों को क्षेत्रीय अस्पताल पहुंचाया गया और 2 को मौके पर उपचार दिया गया। मृतकों के परिवारों को फौरी राहत के तौर पर 25-25 हजार की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की गई । 

दूसरी घटना में शक्स नाले में भूस्खलन से यातायात, बिजली और जल आपूर्ति बाधित हो गई थी । सिविल डिफेंस, पुलिस, लोक निर्माण, जल शक्ति और स्वास्थ्य विभाग की टीमों को मौके पर भेजा गया। त्वरित कार्यवाही करते हुए सड़क को बहाल किया गया। इस घटना में तीन लोग घायल हुए। जिसमें गंभीर रूप से घायल दो लोगों को केलांग अस्पताल पहुंचाया गया तथा एक का मौके पर ही प्राथमिक उपचार किया गया। लोक निर्माण, विद्युत और जलशक्ति विभाग ने बहुत कम समय में सड़क, बिजली और पानी की आपूर्ति को बहाल करने का बेहतरीन प्रदर्शन किया। इंसिडेंट कमांडर एसडीएम केलांग रजनीश शर्मा  की अध्यक्षता में आयोजित मॉक ड्रिल में भूकंप और भूस्खलन आने की स्थिति में घटना स्थल पर फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने, उन्हें प्राथमिक उपचार और स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने के साथ ही राहत और बचाव संबंधी तैयारियों की समीक्षा की गई ताकि वास्तविक घटना होने पर त्वरित कार्यवाही करते हुए राहत पहुंचाई जा सके। 

 रजनीश शर्मा ने कहा कि मॉक ड्रिल को आयोजित करने का प्रमुख उद्देश्य किसी आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों को लेकर पूर्वाभ्यास करना था। उन्होंने कहा कि बचाव अभियान सभी एजेंसियों के सहयोग से ही संभव होता है। उन्होंने बताया कि मॉक ड्रिल बहुत महत्वपूर्ण है इससे हम वास्तविक आपदा की स्थिति आने पर इससे निपटने की तैयारियों को परख पाते हैं। इससे विभागों को उनके दायित्वों की जानकारी मिलती है। उन्होंने बताया कि आपदा से निपटने के लिए इंसिडेंट रिस्पांस सिस्टम कार्यशील है। मॉक ड्रिल से इसे भी परखा गया है।

मॉक ड्रिल के दौरान एनडीआरएफ-सहायक कमांडेंट संतोष एनडीआरएफ- इंस्पेक्टर जीडी  नीरज भारती परियोजना अधिकारी एकीकृत जनजातीय विकास विभाग मनोज कुमार तहसीलदार रमेश ठाकुर व थाना प्रभारी केलांग ज्वाला सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारियों सहित जवानों ने भी अपनी अहम भूमिका निभाई।


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