शिमला : प्रबंध निदेशक SJVN गीता कपूर ने ‘दास्तान- कहानियों की दुनिया’ पुस्तक का किया विमोचन

तीसरी से कक्षा बारहवीं तक के छात्र-छात्राओं के मध्य कहानी लेखन प्रतियोगिता आयोजित
शिमला, 21 मार्च : एसजेवीएन द्वारा राजभाषा हिंदी के प्रोत्साहन की कड़ी में स्कूली विद्यार्थियों के मध्य हिंदी के प्रचार-प्रसार और हिंदी साहित्य के वर्चस्व को बरक़रार रखने की दृष्टि से पहली बार एक नवोन्मेष योजना की शुरुआत की गई है। गीता कपूर, अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने इस पहल के तहत दास्तान- कहानियों की दुनिया’ नामक पुस्तक का विमोचन किया।

 गीता कपूर ने अवगत करवाया कि इस नवोन्मेष योजना के तहत जिला शिमला के सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा तीसरी से कक्षा बारहवीं तक के छात्र-छात्राओं के मध्य कहानी लेखन प्रतियोगिताएँ आयोजित की गई। इस प्रतियोगिताओं में ज़िला शिमला के स्कूलों के छात्र-छात्रों ने भाग लिया और विद्यार्थियों की 67 मौलिक कहानियां शॉर्टलिस्ट की गई। प्रतिष्ठित ज्यूरी पैनालिस्ट श्रीनिवास जोशी,  आत्मा रंजन और संगीता सारस्वत द्वारा शॉर्टलिस्ट की गई। कहानियों में से पंद्रह कहानियों को लघु कथाओं के संकलन हेतु चयनित किया गया। इन कहानियों को ‘दास्तान- कहानियों की दुनिया’ नामक पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया गया है। कहानी लेखन प्रतियोगिताएं एसजेवीएन सीएसआर फाउंडेशन के तत्वाधान में कीकली चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से आयोजित की गई।

चयनित छात्र छात्राओं की प्रशंसा करते हुए गीता कपूर ने कहा कि हमारे युवा शिक्षार्थियों के बीच ऐसी प्रतिभा और समर्पण देखना वास्तव में प्रेरणादायक है। इन छात्रों द्वारा रचित कहानियाँ न केवल उनकी कल्पनाशीलता को प्रदर्शित करती हैं, बल्कि उनकी रचनात्मकता, कथ्य और शिल्प को भी प्रदर्शित करती हैं। ये कौशल न केवल शैक्षणिक सफलता के लिए बल्कि व्यक्तित्व विकास और भविष्य के प्रयासों के लिए भी आवश्यक हैं।

इसके साथ एसजेवीएन द्वारा शिमला में राजभाषा नीति संबंधी सांविधिक प्रावधानों और अपेक्षाओं के मद्देनजर तथा हिन्दी के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देते हुए इसे जन उपयोगी बनाने की दृष्टि से एक दिवसीय अखिल भारतीय राजभाषा संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्ष्ता चंद्र शेखर यादव, कार्यकारी निदेशक, मानव संसाधन ने की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि यह बड़े गर्व की बात है कि हिन्‍दी संबंधी कार्यक्रमों में कर्मचारी बड़े मनोयोग से भाग लेते है और रोजमर्रा के कार्यालयी कामकाज में हम राजभाषा को प्राथमिकता दे रहे हैं।

संगोष्ठी के दौरान विद्युत मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति के सदस्‍यगण डॉ. पूरनचंद टंडन, डॉ. यतीन्द्र कुमार कटारिया, डॉ. विकास दवे, गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग के उप निदेशक (कार्यान्वयन-नराकास) केपी. शर्मा, देश के प्रतिष्ठित वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव एवं प्रोफ़ेसर अजय श्रीवास्तव ने राजभाषा हिन्दी के अनुप्रयोग एवं इसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला और विस्तार में चर्चा की।  इस अवसर पर नराकास के विभिन्न कार्यालयों के अध्यक्ष, प्रतिनिधि राजभाषा अधिकारी एवं एसजेवीएन के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।


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