नाहन, 03 मार्च : पुरानी पेंशन बहाली संघर्ष समिति हिमाचल प्रदेश की रविवार को ऑनलाइन बैठक हुई। संघर्ष समिति ने सुक्खू सरकार पर पेंशनर्स के साथ भेदभाव का आरोप लगाया है। ऑनलाइन बैठक में सभी कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री व केंद्र सरकार से मांग की है कि हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन लागू होने के 1 वर्ष बाद भी उनका एनपीएस (NPS) में जमा पैसा अभी तक वापस नहीं मिला है जो की कर्मचारियों के साथ बहुत बड़ा अन्याय है।
कर्मचारियों ने अपनी कमाई से एनपीएस में जो राशि जमा करवाई थी अभी तक वह राशि कर्मचारियों को वापस नहीं मिली है, जिस कारण सरकार के प्रति हिमाचल प्रदेश के लगभग डेढ़ लाख कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। कर्मचारियों का कहना है कि यह राशि बीमा कंपनियां के खाते में जमा है, जिसका कर्मचारियों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है।
कर्मचारियों की मेहनत की कमाई के साथ इस तरह का खिलवाड़ करना बहुत दुखदाई है। अगर समय रहते कर्मचारियों की एनपीएस के रूप में जमा राशि को वापस नहीं किया गया तो केंद्र सरकार का विरोध किया जाएगा। कर्मचारी आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
पुरानी पेंशन बहाली संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष मायाराम शर्मा ने कहा है कि इसके लिए अगर जरूरत पड़ेगी तो सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई भी लड़ी जाएगी। अगर केंद्र सरकार समय रहते कर्मचारियों का पैसा वापस नहीं देती है तो आने वाले लोकसभा इलेक्शन में भारी खामियाजा भुगतने को मिलेगा। कर्मचारीयों की ताकत का अंदाजा विधानसभा चुनाव के दौरान देख चुके हैं। इसलिए कर्मचारियों की एनपीएस में जमा राशि तुरंत वापस होनी चाहिए। प्रदेश अध्यक्ष मायाराम शर्मा ने कहा किसरकार सेवानिवृत्ति कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है और जीवन के अंतिम पड़ाव में उनके हितों के साथ खिलवाड़ कर रही है।
बैठक में हेमराज ठाकुर यशपाल, अरुण छाजटा, प्रदीप ठाकुर, चतर सिंह ठाकुर, अनिल तोमर, सुशील सिहोतरा, अशोक शर्मा, बलबीर जोदटा, बलवंत चौहान, सुनील रागटा, ललित शर्मा आदि पूरे हिमाचल प्रदेश से लगभग 100 कर्मचारियों ने भाग लिया।