बिलासपुर, 27 नवंबर : बिलासपुर में संविधान दिवस बड़ी धूम-धाम से जिला परिषद भवन में मनाया गया। सामाजिक न्याय और समाज विकास में न्याय पूर्ण एवं तर्कसंगत हिस्सेदारी पर चर्चा की गई। इस राज्य स्तरीय परामर्श में सक्रिय सामाजिक संगठन ,सेवानिवृत्त अधिकारियों, वकीलों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के संगठनों में काम करने वाले लोगों के अलावा संविधान को मानने वाले हर व्यक्ति ने हिस्सा लिया और संविधान के प्रावधानों के अनुसार समाज में सबकी हिस्सेदारी सुनिश्चित करने पर चर्चा की गई।
इससे पहले संविधान व संविधान निर्माता बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर को पुष्प अर्पित किए गए। ततपश्चात प्रोफेसर केएस धीर ने संविधान में समतामूलक समाज बनाने की दिशा निर्देशों पर चर्चा की शुरुआत की। इसके बाद परिचर्चा की विषयवस्तु को सुखदेव विश्व प्रेमी ने रखा और खुली चर्चा की शुरुआत हो गई। चर्चा में विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोगों ने हिस्सा लिया। चर्चा मॉडरेटर की भूमिका विजय कुमार ने निभाई।
चर्चा में जागृति एडुकेशन एवं वेलफेयर सोसाइटी की ओर से मनसा राम, भवन एवं निर्माण मजदूर यूनियन से चैन सिंह सुमन, अर्धनारीश्वर समाज सेवा समिति की अध्यक्ष बिजली महंत ,पर्वतीय महिला अधिकार मंच की विमला विश्वप्रेमी, मंडी नगर निगम के पार्षद राजेन्द्र मोहन, कांगड़ा सुलह की जिला पार्षद रूप रेखा, अम्बेडकर वादी अधिवक्ता नरेश ऊना से, वन अधिकार मंच के प्रतिनिधि सिरमौर से, हिमाचल नारी सभा की सुषमा ,एकल नारी सभा की नीलम भाटिया, नौजवान सभा के शशि बंसल इंडियन एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स के प्रवेश चंदेल, मुस्लिम कमेटी के हारून मोहमद एवं परवेज भुट्टो, सेवानिवृत्त अधिकारी सुशील पुंडीर, अफजल बेग बाल्मिकी समाज के प्रधान अशोक कुमार, गुरु रविदास सभा के सूबेदार ज्योति राम आदि ने हिस्सा लिया।
इसके अलावा कई गणमान्य व्यक्तियों ने भी परिचर्चा में हिस्सा लिया। इसके अलावा अनुसूचित जाति के अधिकारों की रक्षा एवं सामाजिक न्याय दिलवाने हेतु तेलंगाना की तर्ज कानून बनाने की मांग की गई। इसके बाद प्रोफेसर केएस धीर सामाजिक न्याय के लिए आजीवन संघर्ष करने को लेकर सम्मानित किया गया। इसके संविधान को बचाने एवं इसके अनुसार समतामूलक समाज बनाने की शपथ के साथ परिचर्चा जय संविधान, जय विज्ञान व जय भीम के नारे के साथ परिचर्चा समाप्त की गई।