निरोग काया में  ईश्वर का वास होता है : डाॅ. अनु शर्मा


शिमला 07 अप्रैल : निरोग काया में ही ईश्वर का वास होता है। स्वस्थ रहने के लिए मनुष्य को तीन नियम आहार, निद्रा और ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य रूप से करना चाहिए। आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी पीरन डाॅ. अनु शर्मा ने शुक्रवार को विश्व स्वास्थ्य दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए बताया कि इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य दिवस पर डब्ल्यूएचओ द्वारा हेल्थ फॉर ऑल विषय दिया गया है। जिसका उद्देश्य संसार का हर व्यक्ति को स्वस्थ रहना चाहिए, तभी स्वस्थ समाज की कल्पना की जा सकती है।

डाॅ. अनु शर्मा ने बताया कि मनुष्य द्वारा अपने जीवन को जरूरत से अधिक आरामदायक बना दिया गया है। जिससे मनुष्य का शरीर रोग का घर बन रहा है, और दवाइयों पर निर्भरता अधिक हो गई है। उन्होने बताया कि हर व्यक्ति को ब्रह्म मुर्हूत में उठकर योग अथवा व्यायाम करना चाहिए जिससे शरीर के स्वस्थ होने के साथ-साथ लंबी आयु, शक्ति और प्रसन्नता मिलती थी। उन्होंने स्वस्थ मनुष्य की परिभाषा बताते हुए बताया कि जिस मनुष्य के शरीर में दोष, वात पित्त और कफ, जठराग्नि, रसादि सात धातुएं सम अवस्था में स्थिर रहती है। मल मूत्र आदि क्रियाएं ठीक रहती है, और जिसके इन्द्रिय और आत्मा प्रसन्न रहती है। वह मनुष्य मानसिक, शारीरिक और बौद्धिक तौर पर स्वस्थ होता है।

डाॅ. अनु शर्मा ने बताया कि मनुष्य को स्वस्थ रहने के लिए उत्तम आहार-विहार का पालन करना चाहिए। उचित निद्रा लेने के साथ साथ ब्रह्मचर्य का भी पालन करना चाहिए। उन्होने बताया कि मनुष्य को अंग्रेजी दवाओं का सेवन कम करना चाहिए क्योंकि इन दवाओं के दुष्प्रभाव अधिक है। उन्होने बताया कि प्रकृति में अनेक दुर्लभ जड़ी बूटियां विद्यमान है, जिसमें लाईलाज रोगों का उपचार संभव है। ऋषि मुनियों द्वारा आदिकाल में आयुर्वेद पद्धति बारे  खोज की गई है जिसके माध्यम से असाध्य रोगों का उपचार निकाला है। उन्होने लोगों को सलाह दी है कि बच्चों को फास्ट फूड न दें जोकि बच्चों के शरीर के लिए हानिकारक है। उन्होंने मोटे अनाज का सेवन करने का आग्रह किया है।


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