किन्नौर, 2 अप्रैल : वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के अंतर्गत लोगों को मोटे अनाज के महत्व बारे जागरूक किया जा रहा है। मोटा अनाज वर्ष के रूप में बढ़ावा देते हुए इस वर्ष राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पोषण पखवाड़ा के तहत मोटे अनाज के महत्व व उपयोग के प्रति लोगों को जागरूक किया गया।
इसी कड़ी में जिला किन्नौर में पोषण पखवाड़ा के माध्यम से मोटे अनाज को खान-पान में शामिल कर स्वस्थ भोजन और पोषण बारे जागरूक किया गया। जिला किन्नौर में अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के तहत 3 अप्रैल, 2023 तक पोषण पखवाड़ा आयोजत किया गया। जिला किन्नौर में पोषण पखवाड़ा के तहत मोटे अनाज जैसे ओगला, फाफड़ा, कोदा, रागी, कावनी इत्यादि को दिनचर्या के खान-पान में शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
मोटे अनाज के उपयोग से विभिन्न बीमारियों जैसे शुगर, उच्च-रक्तचाप, हाइपर टैंशन इत्यादि से बचाव होता है। पोषण पखवाड़ा में लोगों को मोटे अनाज के इस्तेमाल के साथ-साथ घर में उगाई गई सब्जियों को भी दिनचर्या में शामिल करने की विशेषताएं व लाभ बारे जानकारी प्रदान की गई।
जिला किन्नौर में चलाए जा रहे पोषण पखवाड़ा के अंतर्गत अन्य गतिविधियां भी आयोजित की गई। कार्यक्रम के तहत जिला किन्नौर में जिला स्वास्थ्य विभाग के सौजन्य से व्यसक लड़के व लड़कियों की अनीमिया की जांच की जा रही है, जिसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लियो, रारंग, मूरंग, जंगी, कानम, रिस्बा, स्पिलो, सापनी व कल्पा सहित समस्त किन्नौर में अनीमिया की जांच के कैंप का आयोजन किया जा रहा है जिसमें से अब तक 700 व्यस्क बच्चों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है।
किन्नौर में बच्चों के लिए हाथ धोने व स्वच्छता संबंधी जागरूकता कैंप भी लगाए गए जिसमें बच्चों को अच्छी तरह से साफ-सफाई रखने संबंधी जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही है। कार्यक्रम में अब तक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कोठी व जवाहर नवोदय विद्यालय रिकांगपिओ के 200 छात्र व छात्राओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। कार्यक्रम के तहत मेडिकल ऑफिसर व स्टाफ नर्सों को भी इस संदर्भ में प्रशिक्षित किया गया जिसमें 30 अधिकारी व नर्सों ने भाग लिया। प्रदेश सरकार महिलाओं एवं बच्चों के लिए पोषक आहार सुनिश्चित कर रही है जिसके लिए सरकार विभिन्न योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू कर रही है।
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