सोलन, 11 नवंबर : राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि मानवाधिकारों की रक्षा की जिम्मेदारी स्वयं व्यक्ति से शुरू होती है, और उसे इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अपने विचार की प्रक्रिया को बदलने के साथ-साथ दूसरों की स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा करनी चाहिए। राज्यपाल ने सोलन जिले के बझोल में शूलिनी विश्वविद्यालय में मानवाधिकारों के लिए सुधारवादी दृष्टिकोण विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया। इस सम्मेलन का आयोजन विधि विज्ञान संकाय द्वारा मानवाधिकार आयोग के सहयोग से किया गया।
उन्होंने कहा कि आम आदमी का भी एक परिभाषित जीवन होता है, और उनका सम्मान और रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि विधायी सुधार और नियम सम्मानजनक जीवन जीने में भी मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामले पूरी दुनिया में देखे जाते हैं, जबकि उनकी मानसिकता हम पर उंगली उठाने की रही है। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य हमारी छवि को नुकसान पहुंचाना था। राज्यपाल ने कहा कि धर्म हम सभी में निहित है। हम दूसरों के विचारों और कार्यों का सम्मान करते हैं। दूसरों के विचारों का सम्मान करना हमारा दर्शन है।
राज्यपाल ने इस अवसर पर एचपी हैमिल्टन (लंदन) द्वारा प्रकाशित मानवाधिकारों के लिए सुधारात्मक दृष्टिकोण विषय पर एक पुस्तक का भी विमोचन किया। पंजाब और हरियाणा व उत्तराखंड उच्च न्यायालय के पूर्व कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा ने वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में विस्तृत रूप से बताया। उन्होंने कहा कि हमें दूसरों के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए और अन्याय के खिलाफ लड़ना चाहिए। उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग विषय पर भी विचार प्रस्तुत किए।
इससे पूर्व, शूलिनी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीके खोसला ने राज्यपाल का स्वागत किया। विश्वविद्यालय की गतिविधियों की जानकारी दी। औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजेश्वर चंदेल ने स्वस्थ जीवन जीने के अधिकार के बारे में जानकारी दी और कहा कि यह आज का मुख्य मुद्दा है। उन्होंने स्वस्थ जीवन और प्राकृतिक खेती की संबद्धता के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल अतुल कौशिक और मानवाधिकार आयोग के सदस्य अवतार चंद डोगरा ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। प्रति कुलपति और ट्रस्टी विशाल आनंद ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस अवसर पर उपायुक्त कृतिका कुलहरी, पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र शर्मा, ट्रस्ट के सदस्य, अधिष्ठाता, निदेशक, विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि, छात्र और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।