रिकांगपिओ,13 सितंबर : किन्नौर जिला को टीबी मुक्त बनाने के लिए 12 सितम्बर से 2 अक्टूबर, 2022 तक विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान घर-घर जाकर टीबी एक्टिव केस फाइंडिंग की जाएगी, ताकि जिले में टीबी मरीजों की पहचान हो सके। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. रोशन लाल ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा पूरे भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य वर्ष 2030 तक रखा गया है।
वही, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल को 2024 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके तहत पिछले तीन वर्षों से प्रदेश में हर वर्ष टीबी उन्मूलन के लिए साल में दो बार विशेष अभियान चलाया जाता है। इसे एक्टिव केस फाइंडिंग का नाम दिया गया है। उन्होंने बताया कि अभियान को सफल बनाने के लिए किन्नौर जिला में 110 टीमों का गठन किया गया है, जिसमें हैल्थ वर्कर्स, एक आशा वर्कर को शामिल किया गया है। यह घर-घर जाकर ऐसे व्यक्ति जिन्हें काफी दिनों से खांसी हो रही है, उनका सैम्पल तथा जांच लेंगे। जांच के उपरांत यदि किसी व्यक्ति में टीबी के लक्षण पाए जाते हैं, तो उसका उपचार आरंभ किया जाएगा।
उन्होंने सभी जिला वासियों से टीबी मुक्त हिमाचल अभियान को सफल बनाने में अपना सहयोग देने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि लोगों के सहयोग से ही हम किन्नौर जिला को टीबी मुक्त कर सकते हैं। इस दौरान जिला क्षय रोग अधिकारी डाॅ. सुधीर ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा टीबी रोगियों को उपचार की अवधि में निक्षय पोषण योजना के तहत एकमुश्त 750 रुपये और 500 रुपये प्रतिमाह पोषण सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने इस अभियान को सफल बनाने में सभी जिला वासियों से सहयोग का की अपील की है।