उज्जवल भारत उज्जवल भविष्य के तहत काजा में मनाया बिजली महोत्सव

काजा, 29 जुलाई : आजादी के अमृत महोत्सव की कड़ी में उर्जा मंत्रालय के उज्ज्वल भारत-उज्ज्वल भविष्य के अंतर्गत काजा उपमंडल के रंगरिक गोंपा में बिजली महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें बतौर मुख्य अतिथि टीएसी सदस्य पालजोर बौद्ध ने शिरकत की। इस मौके पर कहा कि हिमाचल प्रदेश देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में अहम भूमिका निभा रहा है। प्रदेश पड़ोसी राज्यों को भी विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित बना रहा है। यह कार्यक्रम केंद्रीय उर्जा मंत्रालय, नवीन एवं नवीकरण उर्जा मंत्रालय व प्रदेश सरकार के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 24,587 मेगावाॅट विद्युत क्षमता है तथा वर्तमान में राज्य 169 जल विद्युत परियोजनाओं के माध्यम से 10,498 मेगावाॅट क्षमता का दोहन कर रहा है। वर्तमान में प्रदेश उर्जा सरपल्स राज्य बन चुका है। इसे बढ़ाने और अतिरिक्त विद्युत उत्पादन करने की दिशा में कार्य चल रहा है। वर्ष 2014 में देश में कुल 2,48,554 मेगावाॅट बिजली उत्पादन हो रहा था जो गत 8 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बढ़कर 4,00,000 मेगावाॅट हो गया है जो देश की कुल बिजली मांग से लगभग 1,85,000 मेगावाॅट अधिक है। उन्होंने कहा कि आज जहां भारत अपनी विद्युत आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है वहीं पड़ोसी देशों को भी बिजली निर्यात कर रहा है।

वर्ष 2014 में देश में कुल 2,48,554 मेगावाॅट बिजली उत्पादन हो रहा था जो गत 8 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बढ़कर 4,00,000 मेगावाॅट हो गया है जो देश की कुल बिजली मांग से लगभग 1,85,000 मेगावाॅट अधिक है। उन्होंने कहा कि आज जहां भारत अपनी विद्युत आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है।  वहीं, पड़ोसी देशों को भी बिजली निर्यात कर रहा है। आज देश में 40 प्रतिशत उर्जा का उत्पादन अक्षय उर्जा स्त्रोतों से किया जा रहा है, और देश भर में अक्षय उर्जा स्त्रोतों से 1,63,000 मेगावाॅट बिजली पैदा हो रही है। उन्होंने कहा कि गत 8 वर्षों में देश भर में वितरण अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण पर 2,01,722 करोड़ रुपये व्यय किए गए जिसके तहत 2921 नए विद्युत उपकेंद्र, 3,926 विद्युत उप-केंद्रों का विस्तार व संवर्धन, 6,04,465 कि.मी एल.टी लाइन बिछाने व 11 के.वी की 2,68,838 कि.मी. एचटी लाइन बिछाई गई। 1,22,623 कि.मी मे कृषि फीडर की स्थापना की गई है।  वर्ष 2015 में ग्रामीण क्षेत्रों में औसतन 12.5 घंटे विद्युत आपूर्ति होती थी जो आज बढ़कर औसतन 22.5 घंटे हो गई है।

सरकार द्वारा बिजली उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए वर्ष 2020 में बिजली उपभोक्ता अधिकार अधिनियम बनाए गए जिसके तहत उपभोक्ताओं की बिजली संबंधी सभी शिकायतों व कार्यों का समयबद्ध क्रियान्वयन व निपटारा सुनिश्चित बनाया गया है। उन्होंने बताया कि उपभोक्ता के अधिकार नियम के तहत समय पर बिलिंग सुनिश्चित करने के अलावा मीटर संबंधी शिकायतों को दूर करने की समय-सीमा भी निर्धारित की गई है।  इस मौके पर 40 लाभार्थियों को बल्ब भी बांटे गए।कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए गए। इस अवसर पर  एक्सईन मनीष आर्य सहित जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

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