केलांग,11 जून : विश्व के सबसे ऊंचे गांव काॅमिक की पंचायत लांगचा में एक दिवसीय विधिक सेवा प्राधिकरण जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया है। इस शिविर में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना मौजूद रही। इस शिविर में बताया गया कि देश भर में हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण लोगों को फ्री में विधिक जानकारी मुहैया करवा रही है।
गांव स्तर पर पीएलबी पैरा लीगल वालंटियर की नियुक्ति की गई है, जोकि सप्ताह में दो बार पंचायत में बैठते है और जिन्हें कानूनी सहायता चाहिए होती है। उन्हें सहायता प्रदान करते है। हम अगर अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होंगे तो हमें न्याय मिलेगा। अन्यथा न्याय में देरी हो सकती है। शिविर से संबोधित करते हुए एससीजेएम रिकांगपिओ निशांत वर्मा ने कहा कि विधिक सेवा अधिनियम 1987 के तहत निशुल्क सेवा प्रदान की जाती है।
वही, बर्शत वह अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति का सदस्य हो, महिला या बालक हो, संविधान के अनुच्छेद 23 में और मानव दुर्व्यवहार या बेगार का शिकार हो, मानसिक रोगी या फिर विकलांग व्यक्ति हो, अनपेक्षित अभाव का शिकार हो, औद्योगिक श्रमिक हो, ट्रांसजेंडर समुदाय से संबंधित हो, सालाना आय तीन लाख से कम हो, फ्री कानूनी सहायता के अंतर्गत सरकारी खर्च पर वकील उपलब्ध करवाना, न्याय शुल्क देना, टाइपिंग और याचिका तथा दस्तावेजों को तैयार करने में आने वाले खर्च को उठाना, गवाहों को बुलाने के लिए होने वाले खर्च को उठाना, उच्चतम न्यायालय से लेकर उपमंडल स्तर पर प्राधिकरण से सहायता प्राप्त कर सकते है।
इसके अलावा जनजातीय क्षेत्र के लोगों के अधिकारों के बारे में और विपेज लीगल केयर एंड सपोर्ट सेंटर के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मध्यस्थता भी लोक अदालतों में करवाई जाती है। प्रदेश भर में 12 मध्यस्थता केंद्र अभी चल रहे है। इसके अलावा नाल्सा के द्वारा चलाई जा रही दस योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। इस दौरान एसडीएम गुंजीत सिंह चीमा, कार्यकारी बीडीओ टाशी डोलकर सहित लांगचा पंचायत की प्रधान व स्थानीय लोग मौजूद रहे।