धर्मशाला, 23 मार्च : उपायुक्त डॉ.निपुण जिंदल ने कहा कि जिला के विभिन्न ब्लाकों में औषधीय पौधों की खेती की दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि औषधीय पौधों के उत्पादन में स्वरोजगार की असीम संभावनाएं हैं। औषधीय पौधे स्वदेशी चिकित्सा पद्धति के लिए प्रमुख संसाधन हैं तथा आयुष प्रणालियों की राष्ट्रीय और विश्व स्तर पर पहुंच और स्वीकार्यता के कारण औषधीय पौधों का व्यापार निरन्तर बढ़ रहा है।
उपायुक्त डॉ.निपुण जिंदल आज नेताजी सुभाष चन्द्र बोस पुलिस मैदान धर्मशाला में शुरू हुए सरस मेले के दूसरे दिन आयुष विभाग द्वारा आयोजित जागरूकता शिविर में बोल रहे थे।
इस दौरान उपायुक्त ने भगवान धन्वंतरि जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर शिविर का विधिवत उद्घाटन किया।
इस अवसर पर जिला कांगड़ा आयुष विभाग द्वारा लोगों को आयुष विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों से अवगत कराया गया।
इस शिविर में सर्वप्रथम औषधीय पादप बोर्ड की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला एवं किसानों को औषधीय पौधों की खेती करने के बारे मे जागृत किया गया। इसके उपरांत वक्ताओं द्वारा आयुष से रोग प्रतिरोधक क्षमता विषय पर अपने विचार रखे गये। डॉ.आशीष राणा ने मर्म चिकित्सा विषय पर अपने विचार रखे। डॉ. कविता, डॉ.स्मृति और डॉ.बबीता ने योग पर लाइव प्रस्तुति दी।
इस शिविर में आए हुए किसानों को औषधीय पौधों की खेती करने के लिए प्रेरित किया गया। औषधीय खेती से जुड़े स्वंम सहायता समूहों द्वारा अपने उत्पादों का विक्रय केंद भी खोला गया। इससे पूर्व उपायुक्त ने आयुष विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा उनके द्वारा तैयार किये उत्पादों की सराहना की।
सरस मेला में अतिरिक्त उपायुक्त श्री राहुल कुमार, उपनिदेशक आयुर्वेद कांगड़ा जोन डॉ.सरिता राणा, आरसीएफसी से स्थानीय निदेशक डॉ.अरुण चंदन, उपमंडल आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी देहरा डॉ. बृज नंदन शर्मा, उपमंडल आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी पुराना कांगड़ा डॉ. प्रवीण भारद्वाज, औषधीय पादप बोर्ड के नोडल अधिकारी डॉ. सुनील, डॉ. अनीश, डॉ.संजय, जिला कांगड़ा के उपनोडल अधिकारी डॉ. परमजीत, डॉ.इकबाल, डॉ.रोहित, डॉ. विकास, डॉ. सुरेश, डॉ. विजयकर्ण, डॉ. नीरज, डॉ. धनंजय और आयुष विभाग जिला कांगड़ा के अधिकारी और कर्मचारियों ने भाग लिया।