हमीरपुर, 21 जनवरी : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय इकाई के अध्यक्ष महेश कुमार ने बताया कि हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय में लंबे समय से लंबित मांगों को लेकर विद्यार्थी परिषद आंदोलन करती आ रही है। इसी कड़ी में पिछले 15 दिनों से विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ता क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे है। लेकिन लगता है कि न सरकार को तकनीकी विश्वविद्यालय के छात्र भूख हड़ताल पर बैठे नजर आते है, और न ही विश्वविद्यालय के छात्रों की मांगों को हिमाचल प्रदेश सरकार को सुनाई देती है।
प्रदेश सरकार की चुप्पी को देखकर ऐसा प्रतीत होता है की प्रदेश सरकार रैलियों और शिलान्यासों में ही व्यस्त है। छात्रों की समस्याओं से मानो कोई लेना देना ही नहीं है। पिछले 15 दिनों से विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता ठिठुरती ठंड में क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे है। आज यह हड़ताल 16वें दिन में प्रवेश कर रही है मगर सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी है। ऐसा प्रतीत होता है जैसे “भैंस के आगे बीन बजाने” की लोकोक्ति को प्रदेश सरकार चरितार्थ करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। देश भर में स्किल इंडिया के नाम से तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने की बड़ी-बड़ी बातें व ढकोसले छात्रों को थमा तो दिए जाते है। साथ में ही प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री प्रदेश में ही अन्य जगह एम.टेक की कक्षा चलाने की घोषणाएं कर देते है। मगर इस काम के लिए जो हिमाचल प्रदेश का एकमात्र तकनीकी विश्वविद्यालय है।
उसकी स्थिति देखे तो ऐसा प्रतीत होता है की प्रदेश सरकार तकनीकी विश्वविद्यालय के बारे में पूर्ण रूप से भूल चुकी है। इकाई अध्यक्ष महेश ने जानकारी देते हुए कहा कि ठिठुरती ठंड में पिछले 15 दिनों से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद तकनीकी विश्वविद्यालय इकाई के कार्यकर्ता तकनीकी विश्वविद्यालय की मांगों को लेकर क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। परंतु प्रदेश सरकार के बड़े-बड़े नुमाइंदे तथा सरकारी अधिकारी अपने केबिन में बैठकर हीटर सेकने का आनंद ले रहे हैं। प्रदेश सरकार के किसी भी नुमाइंदे या सरकारी अधिकारी के कदम छात्रों की मांगों को लेकर तकनीकी विश्वविद्यालय की ओर नहीं बढ़ते सरकार के इस रवैया से प्रतीत होता है कि प्रदेश सरकार तकनीकी विश्वविद्यालय को लेकर गहरी निद्रा में है। जब तक प्रदेश सरकार तकनीकी विश्वविद्यालय को लेकर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाएगी तब तक विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता आंदोलनरत रहेंगे।
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