एम्स बिलासपुर व लाहौल-स्पीति के लोगों को देगा इन्टीग्रेटेड टेली मेडिसिन प्लेटफॉर्म 

केलांग, 4 जनवरी : एम्स यानि आल इंडिया इंस्टीटयूट ऑफ मेडिकल साइंसेज बिलासपुर और लाहौल- स्पीति जिला प्रशासन के बीच मंगलवार को एम्स कार्यालय बिलासपुर में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। जिसके तहत एक इन्टीग्रेटेड टेली मेडिसिन प्लेटफॉर्म के जरिये लोगों को विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। पीजीआई चंडीगढ़ स्थित आईसीएमआर सेंटर भी इसमें शामिल रहेगा। 

लाहौल- स्पीति जिले में इन्टीग्रेटेड टेली मेडिसिन प्लेटफॉर्म के माध्यम से विशेषज्ञ उपचार सुविधाएं मुहैया करने को लेकर इस अत्यंत महत्वपूर्ण एमओयू ने मंगलवार को व्यवहारिक रूप लेने की दिशा में कदम बढ़ा लिए हैं। लाहौल-स्पीति जिला प्रशासन की ओर से उपायुक्त नीरज कुमार स्वयं एम्स पहुंचे। एम्स बिलासपुर से निदेशक डॉ. वीर सिंह नेगी ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

गौरतलब है, कि लाहौल-स्पीति जिला न केवल भौगोलिक तौर पर प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है, बल्कि यहां भौगोलिक व जलवायुगत दुश्वारियां भी सुविधाओं के सामने बाधा बन खड़ी रहती हैं। ऐसे में यह समझौता इस जनजातीय जिला के लिए बहुत बड़ी राहत और सुविधा देने वाला बनेगा। समझौता मुख्य तौर पर टेली मेडिसिन, डायग्नोस्टिक व पेशेंट केयर जैसे अहम कम्पोनेंट्स पर आधारित है। इसे विशेष तौर पर लाहौल-स्पीति जैसे जनजातीय और दुर्गम क्षेत्रों के लिए एक मॉडल के तौर पर स्थापित किया जाएगा। 

एम्स न केवल हेल्थ केयर के क्षेत्र में सहयोग करेगा, बल्कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के अनुरुप शोध एवं मूल्यांकन स्टडीज़ में भी मदद देगा ताकि लाहौल-स्पीति जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके। हालांकि राज्य सरकार ने लाहौल-स्पीति जिले के स्वास्थ्य संस्थानों में गत चार सालों में डॉक्टरों के कई पदों को भरा है। लेकिन मरीजों को विशेषज्ञ उपचार सुविधाएं समूचे जिले में अभी भी उपलब्ध होनी बाकि हैं। यहां के डॉक्टरों को अब एम्स बिलासपुर के विशेषज्ञों से उपचार को लेकर सीधा परामर्श प्राप्त होगा। इस समझौते के बाद जिला के प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान बिलासपुर के संपर्क में बने रहेंगे। इसी समस्या के हल के लिए लाहौल-स्पीति जिला प्रशासन ने एक पहल की और राज्य सरकार के दिशा निर्देशों के अनुरूप एम्स बिलासपुर के साथ एमओयू हस्ताक्षरित किया है। 

एम्स निदेशक डॉ. वीर सिंह नेगी ने बताया कि एम्स आने वाले समय में लाहौल-स्पीति जिले में विशेषज्ञ स्वास्थ्य शिविर भी आयोजित करेगा। उन्होंने कहा कि इसइन्टीग्रेटेड टेली मेडिसिन प्लेटफॉर्म की विशेषता यह है कि इसमें विशेषज्ञों द्वारा रियल टाइम मॉनिटरिंग होगी। इसके अलावा विशेषज्ञ ऑनलाइन टेस्ट रिपोर्ट भी देखकर अपना परामर्श दे पाएंगे। एम्स हाई एल्टीट्यूड क्षेत्र में होने वाली बीमारियों जिनमें कुछ अन्य गैर संचारित बीमारियां भी शामिल हैं, को लेकर भी केलांग स्थित आईसीएमआर केंद्र के साथ मिलकर शोध अध्ययन करेगा। 

उपायुक्त नीरज कुमार ने बताया कि लाहौल- स्पीति जिला प्रशासन और एम्स बिलासपुर के मध्य यह समझौता 5 वर्षों के लिए तय हुआ है। लाहौल-स्पीति जिला प्रशासन एम्स बिलासपुर को अपना पूरा सक्रिय सहयोग सुनिश्चित करेगा।
जनजातीय विकास मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने भी इस एमओयू के लिए केंद्र सरकार के अलावा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल का धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा कि इससे आने वाले समय में लाहौल-स्पीति का स्वास्थ्य ढांचा और मजबूत होगा। इस मौके पर एम्स प्रबंधन के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।

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