चंबा ,21 नवंबर : उपायुक्त डीसी राणा ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जानकारी जिला के सभी किसानों तक पहुंचाने के लिए हर फसल की बिजाई से पहले जागरूकता अभियान को गति देने के लिए एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी के प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
इस दौरान उन्होंने बताया कि कृषि विभाग व एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी के कर्मचारी इस वाहन के माध्यम से 21 नवंबर से लेकर 15 दिसम्बर तक जिला के विभिन्न गांवों में जाकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जानकारी देंगे और किसानों को इस योजना के बारे में जागरूक करेंगे। उन्होंने बताया कि रबी मौसम में गेहूं व जौ की फसल का बीमा करवाने की जानकारी देने के लिये कृषि विभाग तथा एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किसान प्रशिक्षण शिविर लगाए जा रहे है। कृषि विभाग के साथ मिलकर एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी द्वारा 25 सितम्बर के बाद अब तक जिला में 40 किसान जागरूकता शिविर लगाए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले रबी मौसम में जिला के 3799 किसानों ने गेहूं व जौ की फसल का बीमा करवाया था। जिसके लिए किसानों ने 3.93 लाख रुपये का प्रीमियम दिया था। इन फसलों में पिछले वर्ष सूखे की स्थिति से हुए नुक्सान का आकलन करने के बाद जिला में 2635 किसान फसल बीमा के अंतर्गत मुआवजे के लिए योग्य हैं अब तक एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी द्वारा 20.81 लाख रुपये मुआवजे की धनराशि 2278 किसानों के बैंक खाते में जमा करवा दी गयी है। तथा अन्य 357 किसानों को लगभग तीन लाख रुपये मुआवजा देने की प्रक्रिया जारी है।
इस योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को दिया जाता है। जो किसान इसके लिए 15 दिसम्बर से पहले प्रीमियम अदा करते है। डीसी राणा ने बताया कि गेहूं की फसल का बीमा करवाने के लिए 36 रुपये प्रति बीघा की दर से प्रीमियम देना पड़ता है और यदि प्राकृतिक कारणों से फसल को नुक्सान हो जाए तो नुक्सान का आंकलन करने के बाद अधिकतम 2400 रुपये प्रति बीघा की दर से भरपाई की जाती है। इसी प्रकार जों की फसल का बीमा करवाने के लिए 30 रुपये प्रति बीघा की दर से प्रीमियम देना पड़ता है और प्राकृतिक कारणों से फसल को नुक्सान होने पर अधिकतम 2000 रुपये प्रति बीघा की दर से भरपाई की जाती है।
उन्होंने बताया कि किसान किसी भी लोक मित्र केंद्र या जन सेवा केंद्र में जाकर या सीधा पोर्टल के माध्यम से अपनी गेहूं व जौ की फसलों का बीमा करवा सकते है। गेहूं व जों की फसलों का बीमा करवाने की अंतिम तिथि 15 दिसम्बर है। डीसी राणा कहा कि इस योजना के अंतर्गत पंजीकृत करवाना बहुत आसान है क्योंकि इस योजना में पंजीकृत करवाने के लिए किसान को केवल अपनी एक फोटो, पहचान पत्र, खेत का खसरा नंबर देना होता है। जबकि ऋणी किसानों की फसल का बीमा किसान की इच्छा जानने के बाद बैंक द्वारा स्वतः ही दिया जाता है।