घुमारवीं, 21 सितंबर : हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में कार्यरत शिक्षिका प्रतिभा शर्मा को ज्ञानोत्कर्ष अकादमी द्वारा वर्ष 2021 का शिक्षा रत्न सम्मान दिया गया है। संस्था के संस्थापक रूपेश कुमार ने बताया कि उन्हें यह अवार्ड उनके शिक्षा क्षेत्र में अद्वितीय योगदान के लिए दिया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रतिभा शर्मा का शिक्षा और साहित्य में विशेष योगदान है। उनकी सेवा समाज के विभिन्न आयामों को नया योगदान दे रही है। उन्होंने बताया कि ज्ञानोत्कर्ष अकादमी भारत की एकमात्र संस्था है, जो 17 क्षेत्रों में अतुलनीय कार्य करने वाले बुद्धिजीवियों को निशुल्क और निस्वार्थ रूप से सम्मानित करती है। उनके द्वारा किए गए सराहनीय कार्य को अपनी संस्था के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करके उन्हें प्रोत्साहित करती है।
उन्होंने बताया कि जिन 17 विषयों को सम्मान करने के लिए लिया जाता है, उसमें भौतिक विज्ञान , रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित, शांति साहित्य, अर्थशास्त्र, चिकित्सा कला, इतिहास, सरकारी सेवा समाज सेवा प्रतियोगिता, परीक्षा खेल, शिक्षा पत्रकारिता, और न्याय क्षेत्र शामिल है। गौर रहे कि प्रतिभा शर्मा एक उत्कृष्ट कवयित्री और लेखिका हैं। इन्होंने बाल मन के सूक्ष्म भावों को अपने बाल कहानी संग्रह ” संस्कार आज भी हैं ” में उकेरा है। यह इन दिनों बिलासपुर की रा.व.मा.पाठशाला कल्लर में कार्यरत हैं, और प्रवक्ता हिन्दी हैं।
प्रतिभा शर्मा का जन्म 28 अप्रैल को काव्य कुंज छत्तरोली जिला कांगड़ा (हि० प्र०) में महान साहित्यकार बिशम्बर नवीन उर्फ नवीन हलदूणवी के घर हुआ। माता सुषमा रानी शर्मा सेवानिवृत्त अध्यापिका हैं, तथा पति आचार्य संजय मिश्रा बिलासपुर हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं। इनकी शिक्षा एमए हिंदी, बीएड जम्मू विश्वविद्यालय से एवं शास्त्री जम्मू के रणवीर विद्यापीठ से हुई है। इनकी रचनाएं गिरिराज , हिमप्रस्थ शिमला, सोमसी, अद्भुत इंडिया और सर्व भाषा ट्रस्ट दिल्ली, बालवाणी हिंदी संस्थान उत्तर प्रदेश ,अखिल भारतीय सृजन सरिता पत्रिका एवं शीराज़ा डोगरी में प्रकाशित हुई हैं।