लाहौल स्पीति,23 अगस्त : डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्योगिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के लाहौल स्पीति कृषि केंद्र ताबो के वैज्ञानिकों की ओर से रंगरिक गांव में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। केंद्र का मुख्य उद्देश्य किसानों को कृषि की नई तकनीकों के बारे में जागरूक करना है। कृषि विज्ञान केंद्र ताबो की वैज्ञानिक डॉ मीना ( फल विभाग) ने किसानों को संरक्षित खेती के लाभ और उसे जुड़ी सभी आधुनिक तकनीकों के बारे में बताया।
उन्होंने प्रशिक्षण शिविर में भाग ले रहे है 25 किसानों को स्ट्रॉबेरी के रनर भी वितरित किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर किसान वैज्ञानिक तरीके से खेती करे तो उनका मुनाफा दोगुना होने में अधिक समय नहीं लगेगा । इसके साथ फसल तैयार करने में लागत भी कम आएगी।
शिविर में किसानों को संबोधित करते हुए डॉ सविता ने किसानों के स्वयं सहायता समूहों को फलों और सब्जियों से बनने वाले खाद्य पदार्थों के बारे में जानकारी प्रस्तुत की। इन खाद्य पदार्थों में चटनी, आचार, जैम, मुरब्बा, जूस आदि बनाया जा सकता है। इसके माध्यम से आत्मनिर्भर बनेंगे। इसके साथ स्वरोजगार के साधन भी घर में विकसित हो सकेंगे।