हमीरपुर,20 अगस्त : उपायुक्त देब श्वेता बनिक ने जल शक्ति अभियान-कैच द रेन के तहत किए जाने वाले विभिन्न जल संरक्षण कार्यों की प्रगति रिपोर्ट शनिवार तक प्रेषित करने के निर्देश जारी किए हैं। हमीरपुर भवन में आयोजित अभियान की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने जिला में सभी पारंपरिक जल स्रोतों, चैक डैम, तालाब, बोरवेल और अन्य जल स्रोतों के जीर्णोद्धार तथा इन्हें पुनर्जीवित करने के निर्देश दिए, ताकि भविष्य के लिए जल संरक्षण किया जा सके।
उन्होंने कहा कि कैच द रेन अभियान के तहत जिला में 10 रेन वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम बनाए जाएंगे। उन्होंने संबंधित विभागों से कहा कि जल संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों को एक मिशन मोड में लें।
वे जल संरक्षण के लिए लक्ष्य निर्धारित करें और उस पर कार्य करें उपायुक्त ने कहा कि जल शक्ति अभियान को सफल बनाने के लिए जल शक्ति विभाग के अलावा ग्रामीण विकास, पंचायती राज, वन, कृषि और अन्य विभागों की भूमिका भी बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसलिए ये विभाग अपने-अपने कार्य क्षेत्रों में विभिन्न जल संरक्षण कार्यों का विस्तृत प्लान तैयार करें तथा उसके अनुसार विभिन्न गतिविधियों को अंजाम दें।
ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक जलस्रोतों, बावडिय़ों और तालाबों का जीर्णोद्धार मनरेगा के माध्यम से करवाया जा सकता है। उपायुक्त ने राजस्व विभाग के अधिकारियों से कहा कि अगर किसी पारंपरिक जलस्रोत पर अतिक्रमण हुआ है तो उसकी सूचना शीघ्र भेजें। उपायुक्त ने सभी एसडीएम और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे निर्माणाधीन सरकारी भवनों में रेन वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम बनाने का प्रावधान करवाएं।
देव श्वेता बनिक ने बताया कि विभिन्न नदी-नालों और खड्डों के कैचमेंट एरिया में पौधारोपण के कार्य को भी जल शक्ति अभियान में शामिल किया गया है। इसके लिए वन और जल शक्ति विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें, ताकि इसी सीजन में अधिक से अधिक पौधारोपण सुनिश्चित हो सके। बैठक में जल संरक्षण से संबंधित अन्य मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की गई।
इस अवसर पर जल शक्ति विभाग के अधिशासी अभियंता ओपी भारद्वाज ने अभियान के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। समीक्षा बैठक में डीएफओ एलसी वंदना, एडीएम जितेंद्र सांजटा, समस्त एसडीएम डॉ. चिरंजी लाल चौहान, शिल्पी बेक्टा, शशि पाल शर्मा, राकेश शर्मा, अधिशासी अभियंता अनूप कुमार और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।