नेहा मानव सेवा सोसायटी ने उठाया गूगल ब्वॉय दीपांशु की पढ़ाई का जिम्मा

घुमारवीं, 10 अगस्त : बिलासपुर जिला के भगेड में एक प्रवासी परिवार है जिनके तीन बच्चे हैं। दीपांशु सबसे छोटा उम्र करीब 6 साल है। एक स्वयंसेवी सुनील कुमार यहां पर रह रहे है। प्रवासी परिवारों के बच्चों को थोड़ा बहुत पढ़ाते हैं व योग भी सिखाते हैं। गोवंश की सेवा करना सिखाते हैं। एक प्रवासी परिवार में सबसे छोटा बेटा दीपांशु स्कूल नहीं गया लेकिन गूगल ब्वॉय के नाम से मशहूर हो गया। 

दीपांशु लगभग 150 से ज्यादा सवालों के जवाब देने में सक्षम है। जो बड़े-बड़े ज्ञानियों व प्रबुद्ध लोगों के लिए भी मुश्किल है बच्चा छोटा है, लेकिन गुण बहुत है। वीडियो वायरल हुआ तो बहुत लोग मिलने पहुंचे, किसी ने मदद व पढ़ाने की हिम्मत नहीं की लेकिन कहते हैं फरिश्ते भी यहीं पर है।

लोगों का दुख दर्द समझने वाले नेहा मानव सेवा सोसायटी के संस्थापक पंबन बरूर ने इस गूगल ब्वॉय के नाम से जाने जाने वाले दीपांशु को पढ़ाने का जिम्मा उठाया है और अब गूगल ब्वॉय दीपांशु स्कूल जाएगा और अन्य बच्चों के साथ पढ़ेगा। अब बच्चे के माता-पिता व सुनील कुमार खुश हैं कि अब दीपांशु अपनी पढ़ाई कर सकेगा। 

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