बिलासपुर,05 अगस्त : घुमारवीं उपमंडल के तहत आने वाली कई पंचायतों और कस्बों में बाहरी राज्यों से मजदूरी व अन्य काम करने वाले प्रवासी लोगों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। जिससे अब कोरोना के बढ़ने का भी खतरा पैदा हो सकता है, क्योंकि ये लोग बिना मास्क के इलाको में घुम रहे है।
बाहरी राज्यों के लोग घुमारवीं के डंगार, दधोल, बाडी, तरधेल, रोपडी, बरोटा, हरित्लयांग तडौन आदि क्षेत्रों में बिना नंबर प्लेट की बाइकों पर लाउड स्पीकर के माध्यम से सामान बेचते देखे जा सकते हैं। यदि इन फेरी वालों के पास संबंधित थानों के पंजीकरण होने की बात पूछी जाए तो वे उसका जवाब टाल-मटोल करके आगे चलते बनते हैं।
कई ऐसे भी हैं, जिनके पंजीकरण की अवधि खत्म हो चुकी होती है, लेकिन इसके बावजूद भी बिना रोक-टोक उसी पंजीकरण के सहारे हिमाचल में रहकर खुले घूमते हैं तथा अपना व्यवसाय करते हैं। क्षेत्रों में यह फेरी वाले कई घटनाएं कर चुके हैं।
जानकारी के अनुसार कोई भी बाहरी व्यक्ति प्रदेश में कहीं भी ज्यादा दिनों तक नहीं रह सकता। उन्हें रहने के लिए थानों से पंजीकरण करवाना होता है, लेकिन उक्त फेरी वालों के शायद ही संबंधित थानों में पंजीकरण संबंधी पंजीकरण हो। यही नहीं इनके अलावा क्षेत्रों में ढोंगी बाबाओं की भी कमी नहीं है। इससे स्थानीय व्यापारियों के व्यापार भी प्रभावित हो रहे है। पूछताछ करने पर इनके पास न तो कोई पहचान पत्र होता है और न ही पुलिस थाने में पंजीकरण साथ ही जो सामान ये बेच रहे होते हैं, उसका कोई बिल भी नहीं होता।
इस कारण बिना टैक्स चुकाए यह लोग सरकार को चूना लगा रहे हैं। दूसरी और बिना नंबर प्लेट बाइकों पर बिना हेलमेट व बिना मास्क के घुम रहे है। यदि ये किसी वारदात को अंजाम देते हैं तो इनको तलाशना मुश्किल होता है। हालांकि प्रशासन ने इनका पंजीकरण अनिवार्य कर रखा है, लेकिन नियमों को ताक पर रखकर यह लोग क्षेत्र में घुम रहे हैं।
डंगार चौक के व्यापार मंडल के प्रधान संदीप जसवाल व मेंबर अभिषेक सेठी ने स्थानीय प्रशासन से बाहरी राज्यों से आने वाले इन लोगों पर जल्द से जल्द कार्रवाई अमल मे लाने की गुहार लगाई है ताकि स्थानीय व्यापारियों को नुकसान न हो क्योंकि कोरोना काल पहले ही स्थानीय व्यापारी वर्ग की आर्थिक हालात दयनीय कर चुका है साथ ही अब हिमाचल मे कोरोना केस रोजाना बढ़ रहे है, जिसके जिम्मेदार अब ये लोग हो सकते है।