मंडी,21 जुलाई : प्रदेश के स्कूलों में कार्यरत मिड-डे-मील वर्करों को न्यूनतम 9 हजार रुपए वेतन देने की मांग को लेकर जिला मुख्यालय पर मिड-डे-मील वर्करों ने धरना-प्रदर्शन किया। शहर के सेरी चानणी में सीटू के बैनर तले आयोजित प्रदर्शन में मंडी की मिड-डे-मील वर्कर महिलाओं ने खूब नारे लगाकर अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया। इसके बाद मिड-डे-मील वर्करों ने एक मांग पत्र उपनिदेशक शिक्षा विभाग के माध्यम से मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश को भी भेजा।
अपने मांग पत्र में मिड-डे-मील वर्करों के उनका वेतन 9 हजार रुपए प्रति माह देने, हर स्कूल में दो मिड डे मील वर्करों की तैनाती करने, 10 के बजाए 12 महीनों का वेतन देने, बच्चों की संख्या के अनुरूप छंटनी न करने और स्कूलों में मल्टीटास्किंग वर्करों के पदों पर मिड-डे-मील वर्करों को अधिमान देने की मांगों को प्रमुखता से उठाया है। इस अवसर पर सीटू के जिला प्रधान भेपेंद्र सिंह ने प्रदेश सरकार पर मिड-डे-मील वर्करों का शोषण लड़ने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि सरकार इन्हें अपने द्वारा तय की गई न्यूनतम 300 रुपए दिहाड़ी भी नहीं दे पा रही है। सीटू ने प्रदेश सरकार को चेताया है कि यदि मिड-डे-मील वर्करों की मांगों को समय रहते पुरा नहीं किया गया तो आने वाले समय में बड़े आंदोलन की रूपरेखा बनाई जाएगी, जिसकी जिम्मेदार हिमाचल प्रदेश सरकार होगी। इस प्रदर्शन में सीटू के जिला सचिव राजेश शर्मा व मंडी की मिड-डे-मील वर्कर महिलाएं मौजूद रहीं।