नितेश सैनी/सुंदरनगर
स्वच्छ भारत मिशन की जिला में सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। ऐसे ही बदत्तर हालात शहर में सरेआम देखने को मिल रहे है। हैरानी की बात यह है कि कोई भी राजनीतिक दल डंपिंग साइट को लेकर पैरवी नहीं कर पाया है। इस बात को लेकर जनता में भारी रोष है। सरकारों ने सत्ता सुख भोगा मगर किसी भी राजनीतिक दल का इस ओर ध्यान नहीं गया ।क्षेत्र के हजारों लोगों को हर रोज गंदगी व जानलेवा प्रदूषण का सामना कर रहे है।
विशेष तौर पर बरसात और गर्मी के दिनों में जनता डंप की गई गंदगी से परेशान हो जाती है। जनता को गंदगी और दुर्गंध से निजात नहीं मिला है। कुल मिलाकर सरकार व प्रशासन की लापरवाही से यहां के लोगों का जीवन नरक के समान हो चुका है। डंपिंग साइट से अन्य पंचायतों के क्षेत्र की जनता इस समस्या से ज्यादा प्रभावित है। ऐसा नहीं है कि डंपिंग साइड के जीर्णोद्धार और आधुनिकीकरण के लिए विभाग के पास बजट नहीं है, बजट होने के बावजूद यहां पर रोजाना फेंके जा रहे कूड़े-कचरे का सही तरह से निष्पादन नहीं हो पाता है।
मौके के हालात को लेकर स्थानीय निवासी विनोद स्वरूप ने कहा कि इस स्थान पर रहना नर्क के समान है। क्षेत्र के लोगों ने कई बार प्रदर्शन किए और बार-बार सरकार को कोई कारगर कदम उठाने को लेकर चेतावनी दी है। लेकिन आज तक गंदगी से लोगों को निजात नहीं मिल पाई है। इस प्रदूषण के कारण लोग बीमार पडऩा शुरू हो गए है और यहां पर कभी भी महामारी फैल सकती है। डंपिंग साईट पर काम करने वाले मजूदर विकास कुमार ने कहा की डंपिंग साईट पर भारी प्रदूषण का सामना करना पड़ता है, लेकिन रोजी रोटी के लिए सब सहन करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा की यहाँ पर बायोगैस प्लांट लगाने की बात कही जा रही है। जिस के प्रयास भी जारी है। मगर कब तक गैस प्लांट लगाया जाता है यह देखने योग्य बात है। नगर परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक शर्मा ने कहा की एनजीटी के दिशानिर्देश व प्रदेश शहरी विकास विभाग के सहयोग से पॉलिवेस्ट मेनेजमेंट रूल 2016 के तहत शहर के हर घर से नप के वाहनों द्वारा डोर टू डोर कूड़ा उठाया जा रहा है। सभी वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाया गया है। इसके उपरांत इकठा किया गया कूड़ा वाहनों के माध्यम से डंपिंग साईट पर पहुंचाया जा रहा है।
डंपिंग साईट पर कई वर्षों से पड़े हुए कूड़े को साफ करने के लिए सरकार की सहायता ली जा रही है। सरकार की तरफ से ट्रॉमेल,कंपैक्टर सहित इंसिनेटर मशीनें उपलब्ध करवाई जा रही है। इन्हें जल्द की डंपिंग साईट पर स्थापित किया जाएगा। अभी मैनुअल तरीके से डंपिंग साईट पर काम किया जा रहा है। फिर भी डंपिंग साईट खाली हो रही है। जिस के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं। न गलने व सडऩे वाला कूड़ा बिलासपुर जिला के बरमाणा सीमेंट फैक्ट्री में नष्ट होने के लिए भेजा रहा है।