जीता सिंह नेगी/रिकांगपिओ
जिला के कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में इन दिनों सेब के पौधों पर फ्लावरिंग का दौर शुरू हो चुका है। लेकिन मधुमक्खियों के अभाव में सेब की अच्छी सेटिंग न होने का डर बागवानों को सताने लगा है। बागवानी विशेषज्ञों का कहना है कि सेब की अच्छी पैदावार के लिए मधुमक्खियों का फ्लावरिंग के दौरान खासा प्रभाव रहता है। इसलिए बागवानों को विशेषज्ञों द्वारा विशेष रूप से सलाह दी जाती है कि सेब फ्लावरिंग के दौरान सेब के बगीचों में मधुमक्खियों के कुछ डिब्बे अवश्य रखें।
हैरानी की बात है कि निचले क्षेत्रों में उद्यान विभाग मधुमक्खियों के डिब्बे अब तक नहीं पहुंचा पा रही है। सेब के फूलों पर पोलीनेशन की प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए उद्यान विभाग हर वर्ष मधुमक्खियों के डिब्बे तो मंगवाती है, लेकिन ऐसे समय मे मधुमक्खी के डिब्बे किन्नौर लाए जाते हैं। जिला के निचले क्षेत्रो में फ्लावरिंग लगभग समाप्त हो चुकी होता है। उद्यान विभाग की यह उदासीनता बीते कई वर्षों से देखी जा रही है।
जिला के निचले क्षेत्रों के बागवानों सहित पंचायत प्रधान किल्बा अनिता नेगी, पंचायत प्रधान चगांव वीर सिंह नेगी, उप प्रधान किल्बा विकास नेगी, पंचायत प्रधान मीरु किरण नेगी, पंचायत प्रधान उरनी गीता ज्ञानी, पंचायत समिति सदस्य किल्बा जितेन्द्र नेग , पूर्व पंचायत प्रधान उरनी सुनील नेगी आदि ने डीसी सहित उप निदेशक उद्यान विभाग से मांग की है कि निचले क्षेत्रो में सेब फ्लावरिंग होना शुरू हो चुका है।
इसलिए इन क्षेत्रों में भी मधुमक्खियों के डिब्बे पहुंचाए जाए ताकि सेब की अच्छी पैदावार हो सके। उद्यान विभाग के उप निदेशक हेम चंद शर्मा ने कहा कि उनके पास मधुमक्खियों के डिब्बे काफी कम है। आगामी 20 अप्रैल तक किन्नौर पहुंच जाएंगे। यदि निचले क्षेत्रों के बागवानों को जरूरत हो तो जल्दी मंगवा दिए जाएंगे।