नितेश सैनी/ सुंदरनगर
प्रदेश में सरकारी भूमि पर किए गए अवैध कब्जे हटाने को लेकर सरकार की गंभीरता जगजाहिर हो रही है। सरकारी भूमि पर किए गए अनाधिकृत अतिक्रमण को लेकर हिमाचल प्रदेश हाइकोर्ट ने भी बार-बार सरकार को फटकार लगाई है। मगर इन सबके बावजूद विभिन्न सरकारी विभाग अवैध कब्जों को हटाने में नाकाम साबित हो रही है। ताजा घटनाक्रम में सुंदरनगर उपमंडल के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग ओल्ड शिमला-मंडी सड़क पर अपनी भूमि से अवैध कब्जों को हटाने में नाकाम रहा है।
विभाग ग्राम पंचायत छात्तर के भवन के समीप किए गए अवैध निर्माण को हटाने के आदेश एसडीएम सुंदरनगर के कोर्ट से हुए है। बावजूद इसके आज दिन तक न तो राजस्व विभाग और न ही लोक निर्माण विभाग द्वारा कार्रवाई अमल में लाई है। यही नहीं उपायुक्त मंडी के आदेशों को भी दरकिनार करते हुए सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों को हटाना राजस्व विभाग सहित पीडब्ल्यूडी ने उचित नहीं समझा।
छात्तर पंचायत में लोगों द्वारा किए गए अवैध कब्जों को हटाने के लिए स्थानीय निवासी वर्ष 2002 से छोटे स्तर से लेकर बड़े स्तर पर मांग पत्र सौंपकर कार्रवाई की गुहार लगाते रहे। 17 साल बीत जाने के बाद भी कार्रवाई फाइलों और एक दूसरे विभाग को आदेशों से आगे नहीं बढ़ पाई। छात्तर पंचायत में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों को हटाने के लिए बार-बार मिल रही शिकायतों के बाद पीडब्ल्यूडी ने एसडीएम कोर्ट सुंदरनगर में मामला दायर किया था। एसडीएम कोर्ट से विभाग के पक्ष में आदेश आने के बाद भी आज दिन तक इन आदेशों को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है।
आदेश के अनुसार तहसीलदार सुंदरनगर को 30 दिन के भीतर छात्तर पंचायत घर के समीप अवैध कब्जों को हटाने को कहा गया था, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई है। अवैध कब्जों से प्रभावित लोगों का कहना है कि अगर शीघ्र आदेशों पर कार्रवाई नहीं हुई तो हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा। छात्तर पंचायत में लोगों द्वारा विभाग की जमीन पर अवैध कब्जे को हटाने के लिए केस एसडीएम कोर्ट में दायर किया था।
एसडीएम कोर्ट से आदेश की प्रति कार्यालय में नहीं पहुंची है। कॉपी मिलने के बाद आदेश के मुताबिक अवैध कब्जे हटाने के लिए कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। मामला ध्यान में है। लोकसभा चुनाव होने के बाद एसडीएम कोर्ट के आदेश के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। आदेश में छात्तर पंचायत में किए गए सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण को हटा दिया जाएगा।