नितिश कुमार/शिमला
हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय में आज दिव्य ज्योति जागृति संस्थान, नई दिल्ली के तत्वावधान में ‘‘नषाखोरी उन्मूलन एवं देशभक्ति’’ विषय पर एक व्याख्यान आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्विद्यालय के कुलपति आचार्य सिकन्दर कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि नशा और देशभक्ति दोनों ही महत्वपूर्ण विषय है। हर एक व्यक्ति अपने जीवन में संघर्ष करता है। मेहनत करता है, इसमें कई लोगों को सफलता मिलती है और कुछ लोगों को सफलता नहीं मिलती। जिन्हे सफलता नहीं मिलती वे व्यक्ति नशे की राह पर चल पड़ते हैं।
कुलपति ने कहा कि देश भक्ति का मतलब सीमाओं पर लड़ाई लड़ने से नहीं होता। बल्कि कि देश भक्ति का अर्थ है कि हमें जो भी कार्य सौंपा जाता है। उसे हम कितनी निष्ठा के साथ पूर्ण करते हैं। हर व्यक्ति को अपनी अंतरात्मा से पूछना चाहिए कि हम जिस पद पर आसीन है। क्या हम उस पद का निर्वहन अच्छी तरह से कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि हमे अपने देश से आतंकवाद को समाप्त करना होगा। भारतवर्ष ही एक ऐसा देश है जहां अपने देश के खिलाफ ही नारे लगाए जाते है जो अत्यंत दुखद है।
इस अवसर पर दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की साधवी ओम प्रभा भारती ने अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि जब आप किसी संस्थान में प्रवेश लेते हो तो आपको वहां पर पंजीकरण करवाना पड़ता है। तभी आप वहां प्रवेश कर सकते हो। चाहे वह पुस्तकालय हो या कक्षाएं। उन्होंने नशे के कुप्रभाव से सभी को अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि आज के युवा का यह सोचना है कि क्यों न हम इस नशे का सेवन एक बार कर के देख लें। उन्होंने दो प्रकार के व्यक्तित्वों के बारे में युवाओं को क्रीड़ा के माध्यम से समझाया।
एक व्यक्तित्व कमज़ोर लोंगों का जिस पर मुसीबत आती है तो वह बहुत जल्दी टूट जाते हैं। दूसरे मज़बूत व्यक्तित्व के लोग होते हैं जो छोटी मोटी समस्याओं का सामना खुद करते हैं और उनका निराकरण भी स्वयं करते हैं। इस अवसर पर कई अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, निदेषक, प्राध्यापक, गैर शिक्षक कर्मचारी व छात्र उपस्थित थे।