जीता सिंह नेगी/रिकांगपिओ
रिकांगपिओ मे दाखिला शुरु होते ही कई निजी स्कूल बच्चों के अभिभावकों से हर वर्ष भारी भरकम एडमिशन फीस वसूलते है। शिक्षा विभाग भी इन स्कूलों पर कार्रवाई करने में नाकाम साबित हुआ है। सूत्रों की मानें तो कई स्कूल प्रबंधन अभिभावकों को किताबें, कॉपियां, जूते एवं स्कूल बैग तक महंगे दामों पर दे रहे हैं। कई स्कूल सर्दियों के मौसम मे बंद होने पर भी अभिभावकों से बस किराया वसूल रहे है। जिससे अभिभावकों की परेशानी ज्यादा बढ़ रही हैं।
कुछ निजी स्कूल तो एडमिशन फीस के बदले एनुअल चार्ज के नाम पर फीस वसूल रहे हैं। जो अभिभावको के समझ में नहीं आ रहा है कि यह एनुअल चार्ज किस बात के है। स्कूल प्रबंधन सप्लायर से कम कीमत पर सामान ले रहे हैं और अभिभावकों से भी ज्यादा कीमत वसूली जा रही है। किन्नौर शिक्षा विभाग ने भी इस बात का खुलासा किया है कि कई निजी स्कूल ऐसे कार्यों में संलिप्त है। निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग ने जिला के सभी निजी स्कूलों के मुखिया को 16 दिसंबर 2018 को पत्र लिखकर अवगत करवाया था कि इस तरह की कार्रवाई को निजी स्कूल तुरंत बंद कर दे।
अन्यथा संबंधित स्कूल के विरुद्ध कार्रवाई अमल मे लाई जाएगी। पत्र में साफ कहा गया है कि कुछ निजी स्कूलों की ओर से हर वर्ष एडमिशन फीस के नाम पर हजारों रूपये वसूले जा रहे है। जबकि कुछ स्कूल उपरोक्त सामान को सस्ते दामों मे खरीद महंगे दामों में बेचकर कमिशन वसूल रहे हैं। विभाग ने स्कूलों को इस तरह की गतिविधियों को बंद करने के आदेश जारी किए थे। अगर स्कूल इन गतिविधियों को बंद नहीं करता है तो उन पर विभागीय कार्रवाई अमल मे लाई जाएगी।
बावजूद इसके अब दाखिला शुरु होते ही रिकांगपिओ के कई स्कूलों में एडमिशनफीस वसूली जा रही है। इन निजी स्कूलों के कई अभिभावकों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि अब भी अभिभावकों से एडमिशन फीस ली जा रही है, जबकि किताबें, कॉपियां भी महंगे दामों पर मुहैया करवाई जा रही है। मगर विभाग की ओर से कोई कार्रवाई अमल मे नही लाई जा रही हैं ।