कुल्लू में धड़ाधड़ हो रहे अवैध कब्जे, वन भूमि पर कब्जाधारियों ने बनाए आलीशान मकान…

एमबीएम न्यूज़/कुल्लू

भुंतर की ग्राम पंचायत रोट-2 में वन भूमि पर अवैध कब्जाधारियों ने आलीशान मकान खड़े कर दिए हैं। पिछले चार-पांच वर्षों से लगातार अवैध कब्जों का सिलसिला बढ़ रहा है, जिस कारण वहां के स्थानीय लोग परेशान हैं। अभी तक करीब सात आलीशान मकान वन भूमि में खड़े कर दिए गए हैं। इसके अलावा गऊशालाएं, शैड व बीजाई योग्य भूमि भी तैयार की गई है। कब्जाधारी धीरे-धीरे आगे जंगल की तरफ बढ़ते जा रहे हैं। यही नहीं रातों-रात यहां पर अनार के पौधे वन भूमि पर लगाए जा रहे हैं।

इसके अलावा कब्जाधारियों ने गेहूं-मटर आदि की खेती वन भूमि पर करना शुरू कर दी है। हैरानी इस बात की है कि न तो वन विभाग नजर इस पर गई और न ही प्रशासन की। भुंतर दलाशनी सड़क मार्ग श्याह विहाली से मात्र 200 मीटर की दूरी के बाद यह अवैध कब्जे शुरू किए गए हैं। शिकायतकर्ता शेर सिंह ने इसकी शिकायत अरण्यपाल कुल्लू, डीएफओ बंजार के अलावा उपायुक्त कुल्लू को भी की है। हालांकि डीसी ने कार्रवाई करते हुए वन विभाग को इसकी पैमाईश करने के आदेश दिए हैं।

शिकायतकर्ता शेर सिंह ने बताया कि कांशी राम, दिले राम, कृष्ण चंद, रमेश, लोत राम, घनश्याम, किशोरी लाल, आशु, गुलाब सिंह, संजय कुमार, आदि ने उक्त भूमि पर मकान बनाने के अलावा जहां खेतीबाड़ी व बागवानी की है। वहीं उक्त अवैध कब्जाधारियों द्वारा अवैध खनन भी धड़ल्ले से किया जा रहा है। विभाग ने यहां पर उक्त अवैध कब्जाधारियों को खनन करते हुए रंगे हाथों पकड़ा भी है। मौके पर जुर्माना भी किया है। उन्होंने बताया कि फिर भी कब्जाधारियों के हौंसले बुलंद है और लगातार आगे बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि यहां पर वन भूमि में अवैध खनन करने के कारण उनके क्रैशर को भारी नुकसान हो रहा है।

उन्होंने जिला प्रशासन व वन विभाग से मांग की है कि शीघ्र पैमाईश करके अवैध कब्जाधारियों को वहां से खदेड़ा जाए ताकि सरकारी भूमि को बचाया जा सके। उन्होने बताया कि उक्त कब्जाधारियों को जब कब्जा करने से रोका जाता है तो वे उनके खिलाफ ही साजिशें रचना शुरू कर देते हैं। उनके क्रैशर के खिलाफ तरह-तरह की बेबुनियाद शिकायतें भी करते हैं। शेर सिंह ने प्रशासन व संबंधित विभाग से मांग की है कि उक्त कब्जाधारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए ताकि सरकारी भूमि को इन कब्जाधारियों से बचाया जा सके।


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