वी कुमार/मंडी
सुकेत देवता समिति का कहना है कि अगर जिला प्रशासन शिवरात्रि महोत्सव के लिए सुकेत से राजस्व जुटा रहा है तो फिर वहां के देवी-देवताओं को भी महोत्सव में आमंत्रित किया जाना चाहिए। यह बात समिति के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। इससे पहले इन्होंने प्रशासन को अपना एक ज्ञापन सौंपा। समिति के अध्यक्ष अभिषेक सोनी ने बताया कि प्रशासन ने इन्हें अन्नशन की अनुमति नहीं दी है। जिस कारण अभी अन्नशन का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है।
मगर अपनी मांग को लेकर आंदोलन जारी रहेगा। बता दें कि प्राचीन काल में मंडी और सुकेत दो अलग-अलग रियासतें हुआ करती थी। दोनों के बीच आपसी संबंध ठीक नहीं थे। प्राचीन काल से ही मंडी रियासत के देवी-देवता सुंदरनगर नहीं जाते और वहां के मंडी नहीं आते। लेकिन अब इन दोनों रियासतों को मिलाकर पूरा जिला बना है। ऐसे में सीएम जयराम ठाकुर ने भी प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि शिवरात्रि महोत्सव में अन्य देवी-देवताओं का पंजीकरण भी किया जाए।
जिला प्रशासन देवी-देवताओं को ठहराने की उचित व्यवस्था न होने का हवाला देते हुए अभी इस मामले को विचाराधीन बता रहा है। इससे खफा सुकेत देवता समिति ने आंदोलन छेड़ दिया है। उन्होंने भूख हड़ताल तक करने का निर्णय लिया है। समिति के अध्यक्ष अभिषेक सोनी का कहना है कि प्रशासन सुंदरनगर से भी शिवरात्रि महोत्सव के लिए धन एकत्रित करता है। ऐसे में वहां के देवी-देवताओं को भी मंडी में बुलाया जाना चाहिए। वहीं इन्होंने रहने की बात पर नया तर्क दिया है। इनका कहना है कि सुकेत के देवी-देवताओं के काफी भक्त हैं। वह यहां पर अपने रहने की व्यवस्था कर लेंगे, लेकिन प्रशासन बुलाने की पहल करे।