नितेश सैनी/ सुंदरनगर
मंडी और सुकेत रियासत के देवी देवताओं के बीच में छिडी जुबानी जंग अब और भी तेज हो गई है। मंडी देवी देवता कारगार संघ के समर्थन में सुकेत रियासत के ही कई देवी-देवता उतर आए है। जिनमें माहुनाग प्रधान भलाणा यादविंद्र शर्मा, बेसर ठाकुर बाला टिका सुकेत, गंगा राम प्रधान चमेली भगवती बडौल, सुरेंद्र सेन महामंत्री कामाक्षा भगवति जैदेवी कुलमाता राज परिवार सुंदरनगर, शिव सिंह सेन उपप्रधान कुलमाता जैदेवी व सचिव भूपेंद्र सेन का कहना है कि मेले प्राचीन सभ्यता के अनुसार मंडी और सुकेत रियासत में परंपरा ढ़ंग से मनाए जाते हैं।
मंडी में जो बडादेव कमरूनाग आते हैं, उनका भव्य स्वागत वहां पर होता है व सुंदरनगर में बडादेव कमरूनाग का स्वागत होता है। इन दोनों के रथ मोहर अलग-अलग हैं। जब दोनों बड़ा देव कमरूनाग मंडी व सुंदरनगर सुकेत के वहां पर जाएंगे तो सुंदरनगर के बडादेव कमरूनाग को किस तरह से उनका मान समान होगा। यह एक बहुत ही चिंता का विषय है। हमें किसी भी कारदार संघ से कोई आपत्ति नहीं है कि कौन इसका प्रधान है और कौन बनना चाहता है। इससे उपरोक्त सदस्यों का कोई लेना देना नहीं है।
देव परंपराओं को ध्यान में रखते हुए ऐसे दबंग निर्णयों से देव समाज काफी आहत है। जोकि देव समाज में जबरन थोप कर पदाधिकारी नेतागिरी करने पर उतर आए हैं, जिसे देव समाज किसी भी सूरत में सहन नहीं करेगा। जैसे देवी देवताओं के आने जाने का रीति- रिवाज चलता आया है। वैसे ही सर्वमान्य है। इससे छेड़ छाड़ किसी भी सूरत में सहनीय नहीं होगी। अन्यथा देव समाज के लोग एकजुट होकर इसका जमकर विरोध करेंगे।