एमबीएम न्यूज़/हमीरपुर
प्रसिद्ध सिद्धपीठ बाबा बालक नाथ मंदिर में फगवाड़ा सराय को लेकर महंत राजेन्द्र गिर व सराय प्रबंधकों के बीच अब तक कोई समझौता नहीं हो पाया है। सोमवार को विवाद को लेकर डीएसपी बडसर, एसडीएम तथा दोनों पार्टियों के बीच बैठक बेनतीजा साबित हुई। महंत राजेंद्र गिर ने पिछले कल एक बयान जारी कर धर्म के नाम पर धंधा करने वालों को दुष्प्रचार से बाज आने की नसीहत दी थी।
महंत राजेन्द्र गिर ने जारी प्रेस बयान में कहा था कि जिस सराय को लेकर पंजाब के फगवाड़ा के कुछ लोग दुष्प्रचार कर रहे हैं। उस कथित सराय की भूमि पर उनका पैतृक व परपंरागत मालिकाना हक है। वहीं सोमवार को प्रेस वार्ता कर फगवाड़ा सराय ट्रस्ट के चेयरमेन बालकृष्ण बाधवा ने दस्तावेज़ पेश कर ट्रस्ट व महंत के बीच हुए इकरारनामे को सार्वजनिक किया। बाल कृष्ण ने बताया कि 1977 में महंत शिवगिर ने सराय निर्माण के लिए एक भूमि का टुकड़ा दान किया था। जिस पर दानी लोगों के सहयोग से तीन मंज़िला भवन तैयार किया गया।
उन्होंने बताया कि नवंबर 2003 में मंदिर ट्रस्ट और सराय ट्रस्ट के बीच एक एग्रीमेंट हुआ। इसके तहत दो बार लीज़ मनी भी जमा करवाई गई। सराय ट्रस्ट के चेयरमैन ने बताया कि मार्च 2004 में रक़बा शुद्धि के नाम पर लीज़ रद्द कर दी गई, जिसे बाद में धारा 118 की आड़ में दोबारा न बनाया गया। उन्होंने कहा कि 28 जनवरी को महंत रजिंद्र गिर और उनके भगतों ने सराय पर नाजायज़ क़ब्ज़ा कर सराय को नुक़सान पहुँचाया।
इस बारे पुलिस को बताकर एफआईआर भी दर्ज करवाई गई। उन्होंने प्रशासन से माँग की है कि उन्हें इंसाफ़ दिलाया जाए, अन्यथा इंसाफ़ के लिए सराय ट्रस्ट के लोग भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे।