एमबीएम न्यूज़/कुल्लू
फोर लेन के बनने से जहां कुल्लू जिला के पर्यटन को तो पंख लगेंगे किंतु इस निर्माण कार्य से जो लोग प्रभावित हुए हैं उनकी आवाज सुनने वाला आज कोई नहीं है। फोर लेन में जिन लोगों के घर और जमीन उजड़े उन्हे तो सरकार की तरफ सेे मुआवजा मिल रहा है। किंतु प्रभावितों में एक वर्ग ऐसा भी है जो आज रोजी रोटी के लिए मोहताज होग गया है। सड़क के दोनों और पिछले कई वर्षों से छोटी मोटी दुकानदारी कर अपने परिवार का पेट पालने वाले दुकानदार इनमे शामिल है।
थलौट से कुल्लू तक न जाने कितने दुकानदार विस्थापित और प्रभावित हुए हैं। जो आज रोजी-रोटी के लिए तरस रहे हैं। इनका व्यवसाय पुरी तरह से छिन चुका है। यह लोग पिछले कई महिनों से नए ठिकाने की तलाश तो कर रहैं है, किंतु अभी तक 10 फिसदी दुकानदार भी अपने लिए ठिकाना नहीं ढूंढ पाए है। ऐसे में दिन-प्रतिदिन इन दुकानदारों की मुसिबते और बढ़ने लगी है। पिछले कई वर्षों से फोरलेन प्रभावितों के लिए संघर्ष कर रही फोरलेन संघर्ष समीति की शरण में ये दुकानदार आ गए हैं। शायद कोई रास्ता निकल आए।
फोरलेन संघर्ष समीति के अध्यक्ष खुशहाल सिंह की अध्यक्षता में टकोलि में एक बैठक का आयोजन किया, जिसमें फोरलेन से प्रभावित दुकानदारों की समस्यायों को लेकर चर्चा की गई कि किस तरह से विस्थापितों को स्थापित किया जाए। वहीं इस बैठक में निर्णय लिया गया कि वे अपनी समस्यायों को लेकर जल्द सरकार से मिलेंगे, ताकि दुकानदारों को मुआवजे की राशी मिल सके। वहीं फोरलेन प्रभावित दुकानदार संघ का गठन किया गया।
जिसमें सोहनलाल कपूर को संरक्षक, वंसीलाल ठाकुर को अध्यक्ष, इश्वर दास कौशल सचिव, डा.राजेश कुमार को सलाहकार, श्याम लाल को कोषाध्यक्ष, नेत्रसिंह ठाकुर को महामंत्री तथा दिलसुख शर्मा को प्रचार मंत्री चुना गया। साथ ही बैठक में निर्णय लिया गया कि जल्द से जल्द हर प्रभावित दुकानदार को इससे जोड़ा जाए। एक महिला कमेटी का भी गठन किया जाए। संगठित हो कर सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रखा जाए।
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