वाल्मिकी जन कल्याण महासभा ने मैहतर जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने की उठाई मांग….

वी कुमार/मंडी

 राज्य स्तरीय वाल्मिकी जन कल्याण महासभा ने सीएम जयराम ठाकुर से मैहतर जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग उठाई है। महासभा का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेशाध्यक्ष अंकुश घोष की अध्यक्षता में शिमला स्थित विधानसभा परिसर में सीएम जयराम ठाकुर से मिला और उन्हें मांगपत्र सौंपा। इस दौरान सीएम ने वाल्मिकी महासभा के केलैंडर का विमोचन भी किया। महासभा के प्रदेशाध्यक्ष अंकुश घोष ने बताया कि वाल्मिकी समाज के कुछ परिवारों को राजस्व रिकार्ड में मैहतर जाति का दर्शाया गया है। जबकि हिमाचल प्रदेश के राजस्व रिकार्ड में कहीं पर मैहतर जाति का जिक्र नहीं है।

इस कारण इन परिवारों के बच्चों के जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं। इन्हें सरकार की सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि मैहतर उर्दू भाषा का शब्द है, जिसे हिंदी में सफाई कर्मचारी कहा जाता है। मैहतर जाति वाल्मिकी समाज का ही हिस्सा है। लेकिन प्रदेश के राजस्व रिकार्ड में यह शब्द दर्ज न होने के कारण दिक्कत पेश आ रही है। इन्होंने सीएम जयराम ठाकुर से मांग उठाई है कि मैहतर जाति को हिमाचल प्रदेश के राजस्व रिकार्ड में दर्ज अनुसूचित जातियों की श्रेणी में शामिल किया जाए ताकि इन परिवारों को राहत प्रदान की जा सके।

अंकुश घोष ने बताया कि सीएम जयराम ठाकुर ने इनकी इस मांग पर जल्द कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। इस मौके पर महासभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ब्रजेश वावरिया, महासचिव दीपक लौहरची, उपाध्यक्ष प्रीतम चंद रैना और शिमला से उपाध्यक्ष एनएस भंगानिया सहित अन्य पदाधिकारी और सदस्य भी मौजूद रहे।


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