नितेश सैनी/सुंदरनगर
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रदेश की जयराम सरकार पर जुबानी हमला करते हुए सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि जल्द ही छात्र संघ चुनाव बहाल नहीं किए तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आंदोलनकारी का रुख अख्तियार करेगी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के के जिला संयोजक सचिन चौधरी ने लोक निर्माण विभाग विश्राम गृह सुंदरनगर में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश सरकार को चेताया है कि छात्र संघ चुनाव बहाल नहीं किए तो आने वाले लोकसभा चुनावों में विद्यार्थी परिषद अपना रंग दिखाने के लिए मजबूर हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि शिक्षा, नशा कारोबार और जातीय हिंसा के बड़े मामलों से प्रदेश में हालात बिगड़े हैं। इन्हें निपटाने के लिए सरकार कोई हल नहीं निकाल पाई है। सचिन चौधरी ने कहा कि सरकार ने जल्द सार्थक कदम न उठाए तो एबीवीपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेगी। कहा कि आउटसोर्सिंग नीति से पढ़े-लिखे युवाओं को ठगा जा रहा है। एबीवीपी इस नीति का विरोध करती है। सचिन चौधरी ने कहा कि आउटसोर्सिंग नीति को समाप्त कर उपयुक्त प्रक्रिया अपनाकर विभागों में रिक्त पद भरे जाएं।
एबीवीपी ने केंद्रीय विवि का जल्द शिलान्यास, अस्थाई परिसरों में मूलभूत सुविधाएं देने, नियामक आयोग और निजी विवि में भ्रष्टाचार एवं शिक्षा के व्यापारीकरण पर रोक लगाने, कृषि विवि पालमपुर और बागवानी विवि नौणी में छात्रों से ली जा रही अत्यधिक फीस कम करने, नियमों के विरुद्ध काम कर रहे नौणी विवि के कुलपति को बर्खास्त करने, छात्रवृत्ति घोटाले की जांच सीबीआई से जल्द शुरू करने, प्रदेश विवि में शोधार्थियों को छात्रवृत्ति देने, छात्र संघ चुनाव बहाल करने, प्रदेश में संस्कृत और खेल विवि की स्थापना जल्द करने सहित प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने की मांग भी उठाई है।
2 फरवरी को उपायुक्त और एसडीएम के माध्यम से शिक्षा से सबंधित मांगो को लेकर ज्ञापन सौंपा जाएगा। 5 फरवरी को जिला केंद्रों में छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। चौधरी ने कहा कि एबीवीपी की प्रांत कार्यकारिणी की बैठक 26 से 28 जनवरी तक जिला ऊना में हुई। इसमें प्रदेश के समक्ष मौजूदा समय में उत्पन्न चुनौतियों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में प्रदेश का वर्तमान शैक्षणिक परिदृश्य व प्रदेश का वर्तमान परिदृश्य विषय पर सर्वसम्मति से दो प्रस्ताव पारित किए गए व उक्त विषयों को लेकर प्रदेश स्तरीय आंदोलन की रूपरेखा भी तैयार की गई।