अमरनाथ कौशल ने भाजपा के टिकट की जताई दावेदारी….

अमरप्रीत सिंह/सोलन 
जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां भी तेज हो रही हैं। लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक कई नेता अपना नाम आगे बढ़ा रहे हैं। शिमला संसदीय क्षेत्र में भाजपा के कई नेता टिकट के साथ अपनी जीत की दावेदारी जता रहे हैं। हालांकि वर्तमान सांसद प्रो. वीरेंद्र कश्यप इस बार भी टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।

इसके अलावा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डाॅ. राजीव सहजल, विधायक सुरेश कश्यप, वरिष्ठ भाजपा नेता एवं सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी एचएन कश्यप, नगर निगम शिमला की मेयर कुसुम सदरेट, रोहड़ू भाजपा की महिला नेत्री शशिबाला के नाम भी टिकट के लिए चर्चा में हैं। इसी कड़ी में अब नाहन भाजपा मंडल के अध्यक्ष दीन दयाल वर्मा और दून क्षेत्र से वरिष्ठ भाजपा नेता अमरनाथ कौशल अपने लिए टिकट की मांग करने के साथ-साथ अपनी जीत का दावा भी कर रहे हैं। 

दून क्षेत्र से संबंध रखने वाले सामाजिक, धार्मिक संस्था संघ के प्रादेशिक कन्वीनर अमरनाथ कौशल लंबे अरसे से राजनीति से जुड़े हैं। उन्हें समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत गौरव अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है। कोली बिरादरी से संबंधित कौशल पिछले 20 साल से भाजपा में सक्रिय हैं। वह 1983 में राजनीति से जुड़े और हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी कृषि ग्रामीण विकास बैंक के निदेशक चुने गए। इसके बाद वह ग्राम पंचायत मनलोग कलां के प्रधान, पंचायत प्रधान एसोसिएशन नालागढ़ के प्रधान और बीडीसी नालागढ़ के सदस्य भी रहे।

1997 में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम के नेतृत्व में बनी हिमाचल विकास कांग्रेस से जुड़े और 1999 के लोकसभा चुनाव में भाजपा-हिविकां के प्रत्याशी कर्नल धनीराम शांडिल के लिए शिमला संसदीय क्षेत्र में सह प्रभारी के तौर पर कार्य किया। इसके बाद हिविकां से कौशल भाजपा में शामिल हो गए और सभी चुनावों में पार्टी प्रत्याशियों की जीत के लिए सक्रिय रूप से काम किया। श्री कौशल ने भाजपा के टिकट की दावेदारी जताते हुए कहा कि यदि उन्हें टिकट मिलता है तो सामाजिक, धार्मिक संस्था संघ से जुड़े करीब तीन लाख वोटर के आशीर्वाद से वह अपनी जीत सुनिश्चित बनाकर संसदीय क्षेत्र का एक समान विकास करेंगे।

उन्होंने दावा जताया कि यदि उन्हें इस बार लोकसभा का टिकट मिलता है तो वह अवश्य जीत हासिल करेंगे। ऐसे में अब यह तो समय ही बताएगा कि पार्टी नेतृत्व फिर से प्रो. वीरेंद्र कश्यप पर दाव खेलता है या किसी नए चेहरे को टिकट देकर उसे पार्टी प्रत्याशी बनाएगा।


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