सुभाष कुमार गौतम /घुमारवीं
हिमाचल में बेसहारा पशुओं की तादाद बढ़ने के कारण किसान व बागवान परेशान हो गए हैं। निचले इलाकों में इनका आतंक इस कदर मचा हुआ है कि किसान रात को उठ-उठ कर पहरा देकर अपनी फसल बचा रहे हैं। इतना ही नहीँ कहीं तो लोग फसल बचाने के लिए पूरी-पूरी रात अलाव का सहारा लेकर फसलें बचा रहे है। फिर भी किसान फसलें बचाने में नाकामयाबी हैं। आपको बताते चलें कि हिमाचल में इनकी संख्या सैकडों में नहीं हजारों में पहुंच चुकी है। किसानों की हजारों बीघा जमीन उजड़ रही है।
इतना ही नहीं इस कड़ाके की ठंड में कई पशु दम तोड़ रहे है। हाल ही में बिलासपुर जिला के बम क्षेत्र में दो पशु इस कड़ाके की ठंड में दम तोड़ चुके है। किसान इस समय सबसे ज्यादा परेशान इसलिए है क्योंकि उसके द्वारा बीजी गई फसल का कुछ भी हिस्सा हाथ लगने वाला नहीं। वह इन आवारा पशुओं से अपनी फसल को बचाने में पूर्ण रूप से कामयाब नहीं हो पा रहा है। साधारण सी बात है कि इस समस्या से निपटने में किसानों ने अपने हाथ खड़े कर दिए है। जब तक इस समस्या का कोई स्थाई हल नहीं हो जाता तब तक किसान की फसलें इस तरह ही बर्बाद होती रहेगी।