वी कुमार/मंडी
अपने पिता से संगीत की प्रेरणा लेकर सुब्रत अब संगीत के क्षेत्र में बुलंदियों की तरफ बढ़ता जा रहा है। 20 वर्ष की आयु में ही सुब्रत ने संगीत के क्षेत्र के कई खिताब अपनी झोली में डाल दिए हैं। हाल ही में सुब्रत विंटर कार्निवल में आयोजित वॉयस ऑफ कार्निवल में विजेता बनकर लौटे हैं। मंडी जिला के पधर उपमंडल के पाली गांव निवासी सुब्रत के पिता गोपाल शर्मा एचआरटीसी में आरएम जबकि माता हर्षा शर्मा स्वास्थ्य विभाग में बतौर नर्स अपनी सेवाएं दे रहे हैं। पिता की संगीत में खासी दिलचस्पी है। बेटे को संगीत की प्रेरणा घर से ही मिली।
वॉयस ऑफ कार्निवल का खिताब जीतने के बाद अब सुब्रत शर्मा बॉलीवुड सिंगर के रूप में अपनी पहचान बनाने की सोच रहा है। बड़े भाई मुकुल शर्मा भी गायकी के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। उनके द्वारा हाल ही में बनाया एक मंडयाली फोक ’’आसे हाय मंडयाल’’ काफी लोकप्रिय हुआ है। सुब्रत की 12वीं तक की पढ़ाई पधर स्कूल से हुई। इस वक्त वह डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ से बीए की पढ़ाई कर रहा है। सुब्रत ने 2010 में वॉयस ऑफ मंडी के जूनियर खिताब को अपने नाम किया और 2011 में सीनियर खिताब पर कब्जा जमाया।
2012 में विंटर कार्निवल में आयोजित वॉयस ऑफ हिमालया के जूनियर वर्ग में पहला स्थान हासिल किया। 2015 में सूरताज सिंगिंग कम्पीटिशन में पहला स्थान हासिल किया। हाल ही में मनाली में आयोजित विंटर कार्निवल में सुब्रत शर्मा ने पहला स्थान हासिल किया। इसमें उन्हें वॉयस ऑफ कार्निवल की ट्राफी और 50 हजार का ईनाम भी मिला है।
सुब्रत शर्मा ने पिता से संगीत की बारीकियां सीखने के बाद शास्त्रीय संगीत कल्याण ठाकुर से सीखा। कुछ समय तक मंडी के संगीत सदन में संगीत की शिक्षा प्राप्त की। आजकल जालंधर में बलदेव सिंह नारंग से संगीत की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। माता-पिता और भाई सहित अन्य परिजन सुब्रत को इस दिशा में आगे बढ़ने में पूरा सहयोग कर रहे हैं।