वी कुमार/मंडी
श्रम कानूनों में किए जा रहे बदलाव के विरोध में आज देश भर की ट्रेड यूनियनों ने दो दिनों की हड़ताल करके इसका विरोध जताया है। इस हड़ताल में केंद्र और प्रदेश सरकार के हजारों कर्मचारी भी शामिल हुए हैं। दो दिनों तक चलने वाली इस हड़ताल का मंडी में भी खासा असर देखने को मिला। मंडी में बैंकों सहित अधिकतर सरकारी संस्थान बंद रहे जिस कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वहीं ट्रेड यूनियनों के बैनर तले कर्मचारियों ने सड़कों पर उतरकर केंद्र और राज्य सरकारों के खिलाफ रोष रैली निकाली और जमकर नारेबाजी की।
मंडी जिला सीटू के सचिव राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि श्रम कानूनों में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं होना चाहिए। टर्म इम्पलॉयमेंट को समाप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि इन प्रमुख मांगों के साथ आज जिला के 10 हजार कर्मचारी हड़ताल करके सड़कों पर उतरे हैं। इसके साथ ही बढ़ती महंगाई बेरोजगारी पर रोक लगाने, न्यूनतम वेतन 18 हजार घोषित करने, पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली, नीजिकरण और उदारीकरण जैसी नीतियों को तुरंत प्रभाव से रोकने की मांग भी इन ट्रेड यूनियनों ने की है।
राजेश कुमार शर्मा ने कहा कि अगर सरकार इन मांगों पर जल्द ही कोई गौर नहीं फरमाती तो फिर भविष्य में आंदोलन को और तेज किया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी। वहीं धरना प्रदर्शन के बाद इन्होंने अपना एक मांगपत्र डीसी मंडी के माध्यम से प्रधानमंत्री को भी भेजा।