एमबीएम न्यूज़/ऊना
पॉलीहाउस निर्माण के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी करने के आरोप में गगरेट पुलिस ने एक व्यक्ति के विरुद्ध जालसाजी का मामला दर्ज किया है। आरोप है कि उक्त व्यक्ति द्वारा पॉलीहाउस के निर्माण पर दो दर्जन से अधिक लोगों के साथ जालसाजी कर करोड़ों रुपए डकार लिए। कई लोगों ने गगरेट पुलिस थाना में शिकायत पत्र दिया था। गगरेट पुलिस ने इस मामले की गहनता से जांच आरंभ कर दी है। मवा सिंधिया के बाल सिंह द्वारा पुलिस को दिए ब्यान में कहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा पॉलीहाउस निर्माण पर सब्सिडी देने की घोषणा के बाद कई लोगों ने पॉलीहाउस निर्माण में दिलचस्पी दिखाई थी।
इसी बीच कुलदीप शर्मा नामक एक शख्श पॉलीहाउस लगाने के लिए तैयार लोगों के पास पहुंचा। उसने लोगों को पॉलीहाउस का ऋण आसानी से दिलाने के साथ सब्सिडी दिलाने के सब्जबाग दिखाए। कुलदीप ने लोगों से कुछ कागजात पर हस्ताक्षर करवा लिए और उसके बाद न तो उन्हें सब्सिडी मिली और उलटा उन्हें बैंक का कर्जदार बना दिया गया। यही नहीं बल्कि कुलदीप ने बैंक कर्मचारियों के साथ मिलकर उनके खाते से ही सब्सिडी के पैसे भी निकलवा लिए और बाद में उन्हें बताया गया कि अब सब्सिडी का पैसा नहीं आएगा। उसने पॉलीहाउस उखाड़ कर नेट हाउस बनाने लगा। लेकिन उन्हें भी बाद में अधूरा छोड़ दिया। कुलदीप ने एक दो नहीं बल्कि दो दर्जन से अधिक लोगों के साथ जालसाजी की।
सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत बैंक से मांगी जानकारी से खुलासा हुआ है कि सब्सिडी भी निकाल कर डकार ली गई है। बाल सिंह का आरोप है कि अगर सब्सिडी आई थी तो वह उनके ऋण के खाते में जानी चाहिए थी। लेकिन उनका ऋण अभी भी बैंक में खड़ा है। उन्हें तब पता चला जब बैंक से उन्हें नोटिस आने शुरू हो गए। बाल सिंह ने इस जालसाजी के लिए कुलदीप के साथ बैंक कर्मियों को आरोपी बताया है। डी.एस.पी मनोज जंबाल ने बताया कि पुलिस ने बाल सिंह के बयान के आधार पर जालसाजी का मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।