एमबीएम न्यूज़ /कुल्लू
दूरदराज के क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए ड्रोन जैसे अत्याधुनिक उपकरणों के प्रयोग की संभावनाएं तलाशने की दिशा में कुल्लू जिला में विशेष पहल की जा रही है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग भारत की सबसे बड़ी साफ्टवेयर कंपनी टीसीएस के सहयोग से इस तरह की संभावनाओं का पता लगाने के लिए ड्रोन की फिजीबिलिटी स्टडी करवाने जा रहा है। मंगलवार को बाशिंग के पुलिस मैदान में उपायुक्त यूनुस की उपस्थिति में ड्रोन की फिजीबिलिटी स्टडी का कार्य आरंभ किया गया।
दूरदराज के क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए ड्रोन जैसे अत्याधुनिक उपकरणों के प्रयोग की संभावनाएं तलाशने की दिशा में कुल्लू जिला में विशेष पहल की जा रही है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग भारत की सबसे बड़ी साफ्टवेयर कंपनी टीसीएस के सहयोग से इस तरह की संभावनाओं का पता लगाने के लिए ड्रोन की फिजीबिलिटी स्टडी करवाने जा रहा है। मंगलवार को बाशिंग के पुलिस मैदान में उपायुक्त यूनुस की उपस्थिति में ड्रोन की फिजीबिलिटी स्टडी का कार्य आरंभ किया गया।
इस अवसर पर उपायुक्त ने बताया कि कुल्लू जिला के दूरदराज इलाकों से मरीजों के विभिन्न टैस्टों के लिए खून के सैंपल बड़े अस्पतालों व प्रयोगशालाओं तक पहुंचाने के लिए ड्रोन जैसे आधुनिक उपकरणों की के प्रयोग की परिकल्पना की जा सकती है लेकिन अभी फिलहाल भारत में ड्रोन के प्रयोग से संबंधित विस्तृत नीति नहीं बनी है। एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इस तरह की संभावनाओं की तलाश के लिए टीसीएस के सहयोग से फिजीबिलिटी स्टडी करवा रहा है।
इसके तहत बेंगलूरू से आए विशेषज्ञ कुल्लू के विभिन्न स्थानों पर भौगोलिक परिस्थितियों का अध्ययन करेंगे तथा मौसम से संबंधित डाटा एकत्रित करेंगे। भविष्य में ड्रोन की सुविधा शुरू करने के लिए यह फिजीबिलिटी स्टडी बहुत ही महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुशील चंद्र, टीसीएस के वरिष्ठ अधिकारी और बेंगलूरू से आए ड्रोन के विशेषज्ञ भी उपस्थित थे।