नाहन : कवियों ने भ्रामक बयानबाजी पर जताई गहरी नाराजगी…..

एमबीएम न्यूज़/नाहन 
  जिला भाषा कार्यालय नाहन ने संविधान दिवस पर नाहन में मासिक कवि गोष्ठी आयोजित की। जिसमें क्षेत्र के दर्जनों कवियों ने शिरकत की। इस मौके पर जिला भाषा अधिकारी अनिल हारटा विशेष रूप से मौजूद रहे। कवियों ने सर्वप्रथम नवोदित कवयित्री उषा सूर्यवंशी के पिता के निधन पर गहरा शोक प्रकट हुए दो मिनट का शोक रखा। जिसके बाद कवि राम कुमार सैनी, दीपचंद कौशल, पंकज तन्हा, सुरेंद्र सूर्या, प्रभात कुमार, अर्चना शर्मा, धनवीर, विनोद कुमार, नरेंद्र सिंह आदि ने अंतरराष्ट्रीय रेणुका मेले में नियमित कवि सम्मेलन आयोजित करने के लिए जिला प्रशासन व भाषा विभाग का आभार प्रकट किया। कवियों ने कहा कि रेणु मंच पर कवियों को बेहतर मंच प्राप्त हो रहा है।
   कवियों ने इस बात को लेकर रोष जाहिर किया कि इक्का-दुक्का लोग बिना तथ्यों को जाने रेणु मंच पर आयोजित कवि सम्मेलन को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं। जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। कवियों ने ऐसे लोगों को भविष्य में बिना तथ्यों के बात न करने की नसीहत भी दी। कवियों ने जिला प्रशासन व भाषा विभाग से रेणु मंच पर साल दर साल चली आ रही कवि सम्मेलन की परंपरा को आगे भी बरकरार रखने की अपील की। इस दौरान संविधान को लेकर एक सार्थक चर्चा भी की गई। जिसके बाद कवियों ने कविता पाठ किया।
    सर्वप्रथम वरिष्ठ कवि राम कुमार सैनी ने जाति धर्म के नाम पर क्यों फैला अज्ञान, धर्म देश को जानिए, धर्म ग्रंथ संविधान सुना कर दाद बटोरी। सुरेंद्र कुमार सूर्या ने मिश्रित अपने देश का संविधान है। समहित इसमें सबका हित व मान है कविता पेश की। वरिष्ठ कवि दीपचंद कौशल ने सशक्त जो संविधान हो, मानव का जिसमें ध्यान हो, अर्चना शर्मा ने हिम शिखर है यहां, बागों में हरियाली है कविता प्रस्तुत की। इस मौके पर प्रभात कुमार, पंकज तन्हा, धनवीर परमार, जय किशोर शर्मा, विनोद कुमार, नरेंद्र सिंह, मोहन लाल आदि मौजूद रहे।
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