डाइट में ’सीखने के प्रतिफल’ पर कार्यशाला आयोजित, 20 शिक्षा खंडों के 108 टीचर ले रहे प्रशिक्षण

वी कुमार /मंडी 

  बच्चे देश का भविष्य हैं और उनके भविष्य को और उज्जवल करने में अध्यापक  वर्ग का महत्वपूर्ण सहयोग रहता है। देश में शिक्षा के स्तर को बढाने के लिए सरकार के द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिनके द्वारा अध्यापकों को नई शिक्षा प्रणाली से बच्चों को शिक्षा प्रदान करने पर बल दिया जाता है। इसी कड़ी में छोटी काशी मंडी के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में सरकार के समग्र शिक्षा अभियान के तहत चार दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। 13 नवंबर से शुरू हुई इस कार्यशाला में जिला मंडी के 20 शिक्षा खंडों के108 अध्यापक भाग ले रहे है। कार्यशाला अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान पर आधारित है जिसमें विभिन्न मिडल स्कूल से सीनियर सैकंडरी स्कूलों के अध्यापक भाग ले रहे हैं।

   कार्यशाला में अध्यापकों के समूह बनाकर लेसन प्लान बनाया जा रहा हैअध्यापकों के द्वारा टीचिंग प्लान तैयार किया जा रहे है साथ ही लेक्चर सेशन के माध्यम से सीखने के प्रतिफल के तहत गुणात्मक शिक्षा की तरफ ध्यान दिया जा रहा है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान मंडी की शिक्षक प्रशिक्षण प्रभारी कमलेश महाजन ने बताया कि संस्थान में लगातार सरकार की गाइड लाइन के अनुसार अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्होने बताया कि अभी दो विषयों पर कार्यशाला आधारित करवाई गई है जबकि 3 विषयों पर कार्यशाला करवाई जा चुकी है।

    उन्होने बताया कि इस कार्यशाला के माध्यम से प्रशिक्षित अध्यापक अपने अपने ब्लाक में जा कर बाकि के अध्यापकों को प्रशिक्षित करने का कार्य करेंगे। कमलेश महाजन ने बताया कि इस कार्यशाला में अध्यापकों को टीचर डैशबोर्ड व टीचर ऐ पके बारे में भी अहम जानकारियां प्रदान की जा रही है। वहीं प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे अध्यापकों के अनुसार जो कार्यक्रम सरकार ने चलाया है वे उसी प्रकार से बच्चों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने का प्रयास कर रहे है। अध्यापकों के अनुसार नई तकनीकों के माध्यम से बच्चों के न्यूनतम ज्ञान में बढौतरी की जा सकती है जिसके लिए इस प्रकार की कार्यशालाएं बहुत लाभदायक साबित हो रही हैं।


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