बर्फबारी से सेब और नगदी फसलों को हुआ है करोंडों का नुकसान, सरकार के खिलाफ गरजे किसान….

एमबीएम न्यूज़/कुल्लू
कडाके की ठंड के बावजूद लाहौल घाटी में पहली बार नबंवर महीने में विशाल किसान रैली का आयोजन किया गया। लाहौल घाटी किसान मंच के बैनर तले इस जन चेतना रैली में घाटी के हर क्षेत्र के किसानों-बागवानों ने शिरकत की। किसानों और बागवानों ने राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर गुब्बार निकाला। जिस दौरान राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगे। मंच के संयोजक सुदर्शन जस्पा ने किसान रैली को संबोधित करते हुए कहा कि एक तरफ जहां प्राकृतिक आपदा से जो त्रासदी हुई उससे बड़ी त्रासदी लाहौल घाटी के किसानों के लिए यह रही कि राज्य और केंद्र सरकार की तरफ से राहत और मुआवजे के नाम पर फूटी कौडी नहीं मिली। जबकि इस प्राकृतिक आपदा से पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा नुकसान लाहौल घाटी में ही हुआ है। 22 सितंबर को हुई बर्फबारी से सेब से लदे लाखों पेड़ जमीदोज हो गए।

सरकार के खिलाफ विशाल किसान रैली का आयोजन करते किसान

   आलू और अन्य नगदी फसलें बर्फबारी से खेतों में ही तबाह हो गई। त्रासदी के करीब दो महीनें बाद भी राज्य और केंद्र सरकार की और किसी भी प्रकार की सहायता किसानों को नहीं दी गई। जस्पा ने कहा कि केंद्र सरकार के गैर जिमेंदाराना रवैये के कारण बीज आलू की सप्लाई पर पाबंदी लगने से लाहौली आलू की छवि देशभर में खराब हुई है।

    भारत सरकार के राजपत्र में लाहौल घाटी समेत हिमाचल से बीज आलू के अन्य राज्यों में आपूूर्ति पर पाबंदी हटाए जाने के बावजूद अन्य राज्यों के व्यापारी अब भी लाहौली बीज आलू को खरीदने में ज्यादा रूचि नहीं दिखा रहे हैं। जिससे से किसानों को बीज आलू को बेचने में दिक्कतों का सामना करना पड रहा है। जबकि व्यापारी भी किसानों के बीज आलू को खरीदने से कतरा रहे हैं। ऐसे हालात में सरकार बीज आलू को खुद बेचने की व्यवस्था करें अन्यथा किसानों को बाजार भाव के हिसाब से मुआवजा जारी करें।

   कहा कि एलपीएस के आम सभा में पारित प्रस्तावों जिसमें बोर्ड को भंग करने, भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ कानून कार्रवाई, सभा के होटल और गेस्ट हाउस की लीज डीड रद करने समेत अन्य मुदों को क्रियांवित करने की मांग सरकार से की गई है। बुनियादी सुविधाओं जैसे बिजली, दूरसंचार, सडकें और अन्य सुविधाओं को तुरंत दुरस्त करने की मांग की। जस्पा ने घाटी में सिंचाई सुविधाओं को विकसित करने की मांग की। जस्पा ने कहा कि कृृषि मंत्री जिला से बाहर बैठ कर वेबुनियाद ब्यानबाजी कर किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।

   जबकि उनके और से की गई अधिकतर घोषणाएं जमीनी हकीकत से कोेंसों दूर है। किसान मंच ने सरकार से मांग की है कि सर्दियों के दौरान रोहतांग सुरंग होकर आम लोगों के लिए आवाजाही की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि सरकार घाटी में जल्द सब्जी मंडी खोलने की व्यवस्था करें। रैली को जिप उपाध्यक्षा शशि किरण, ग्रामीण युवा संगठन के विरेद्र ठाकुर, जहालमा पंचायत प्रधान सुरेंद्र कीरू ने भी संबोधित करते हुए किसानों के हितों की पैरवी की। रैली के बाद मंच के प्रतिनिधि मंडल ने तहसीलदार के माध्यम सीएम को किसानों की मांगों को लेकर ज्ञापन प्रेषित किया।


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