नीना गौतम / कुल्लू
वन विभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस, वन मंडल अधिकारी परिसर, केलांग के कांफ्रेंस हॉल में धूम-धाम से मनाया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत अधिकारी, लाहौल-स्पीति मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे। यह कार्यक्रम भारत सरकार-यूएनडीपी-जीईएफ की सिक्योर-हिमालय परियोजना के तहत आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में ज़िला युवक समन्वयक, नेहरू युवा केंद्र संगठन, लाहौल-स्पीति की ओर से स्थानीय महिला मण्डलों व युवक मंडलों की तरफ से 50 से ज्यादा प्रतिभागियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि महोदय ने हिम तेंदुए के सरंक्षण के महत्त्व पर प्रकाश डाला व अपने अनुभव सांझा किए। इसके उपरांत उदयपुर वन परिक्षेत्र में कार्यरत व गत 10 वर्षों से अधिक समय से हिम तेंदुए के छाया चित्रण व व्यवहारिकता शोध पर सराहनीय कार्य कर रहे वन रक्षक शिव कुमार ने हिमालयीय परिवेश में हिम तेंदुए के सरंक्षण पर अनुभव सांझा किए। उन्होंने संबंधित विभागीय प्रयासों के साथ-साथ स्थानीय समुदाय द्वारा हिम तेंदुए के रक्षण एवं सरंक्षण हेतु आह्वान किया। इस अवसर पर अमित मेहता (परियोजना सहयोगी- आजीविका) और अभिषेक कुमार (परियोजना सहयोगी -संरक्षण) ने प्रतिभागियों को परियोजना का एक संक्षिप्त विवरण दिया।
प्रतिभागियों का इस कार्यक्रम के लिए अपना मूल्यवान समय देने के लिए धन्यवाद दिया। इस अवसर पर निबंध प्रतियोगिता, नारा लेखन प्रतियोगिता व चित्रण प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जिसमें प्रथम तीन -तीन प्रतिभागियों को ज़ल्द ही सम्मानित किया जाएगा। श्री नागेश गुलरिया नोडल सिक्योर- हिमालय परियोजना के अधिकारी ने बताया कि हिम तेंदुआ हिमालय की एक सूचक प्रजाति है।
इसका सरंक्षण उच्च ऊंचाई हिमालयी पारिस्थितिक तंत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह स्थानीय लोगों के समर्थन और सहयोग के साथ ही संभव है। उन्होंने बताया कि इस तरह के और भी कई कार्यक्रम भविष्य में समुदाय की सक्रिय भागीदारी के साथ आयोजित किए जाएंगे। इस अवसर पर वन विभाग की ओर से राजेश, प्रेम, रोशन, लाल चंद व अनिल कुमार मौजूद रहे।