जीता सिंह नेगी/रिकांगपिओ
रिकांगपिओ स्थित उपायुक्त सभागार में हिमाचल प्रदेश विधानसभा कल्याण समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता सुखराम ने की। समिति के सदस्य विनय कुमार, किशोरी लाल, रीता देवी, रविन्द्र कुमार, इन्द्र सिंह तथा कमलेश कुमारी भी बैठक में उपस्थित थे। बैठक में समिति द्वारा जिला किन्नौर के विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई। कृषि विभाग ने समिति को अवगत कराया कि जिला किन्नौर में मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत खेतों को बंदरों एवं अन्य जंगली जानवरों से बचाने के लिए सौर निर्मित इलैक्ट्रिक बाढ लगाने के लिए 80 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है।
तीन और उससे अधिक लगाने पर 85 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है। बैठक में समिति को पशु पालन विभाग द्वारा अवगत करवाया गया कि जिले में बीपीएल कृषक बकरी पालन योजना के तहत गरीब कृषक जो कि बीपीएल परिवार चिन्हित है।
इस योजना के अंतर्गत दुध देने वाली अथवा मांस उत्पादन हेतु उत्तम नस्ल की बकरियों की इकाईयां 60 प्रतिशत अनुदान पर प्रदान की जा रही है। इस योजना के तहत वर्ष 2017-18 में 22 व्यक्ति लाभान्वित हुए हैं। पशु पालन विभाग की ओर से वर्ष 2017-18 में जनजातीय क्षेत्र उप परियोजना के तहत 92 लाख 84 हजार रुपये का बजट प्रावधान उपलब्ध करवाया गया था। जिसमें से 92 लाख 84 हजार रुपये के बजट को शत प्रतिशत विभिन्न विभागीय विकासात्मक गतिविधियों में व्यय किया गया।
आयुर्वेद विभाग ने बताया कि जिला किन्नौर में 29 को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। गत वर्ष विभाग द्वारा 35 हजार 482 बहिरंग रोगी एवं एक हजार 241 अन्तरंग रोगियों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर लाभान्वित किया गया। चालू वितिय वर्ष के दौरान अब तक 15 हजार 415 बहिरंग और 511 अन्तरंग रोगियों को स्वास्थ्य सेवाएं दी गई। जिला किन्नौर में हिमाचल गृहणी सुविधा योजना के तहत गृहणी सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार द्वारा निःशुल्क गैस कनेक्शन दिए जा रहे हैं। जिसके तहत जिले में 668 परिवार चिन्हित किए गए हैं।
जिनमें से 642 परिवारों के निवेदन प्राप्त किए गए व 158 गैस कनेक्शन आंबटित किए गए हैं। मनरेगा के तहत वर्ष 2017-18 में 11 करोड 93 लाख रुपये की लागत से तीन लाख 44 हजार 463 श्रम दिवस तथा दो लाख 33 हजार 140 महिला श्रम दिवस प्राप्त किए गए। वर्ष 2018-19 में अब तक 12 करोड 96 लाख रुपये की लागत से चार लाख 36 हजार 53 श्रम दिवस व दो लाख 98 हजार 347 महिला श्रम दिवस प्राप्त किए गए।