जीता सिंह नेगी/रिकांगपिओ
विधान सभा के मानसून सत्र के दौरान किन्नौर के विधायक एंव पूर्व विधान सभा उपाध्यक्ष जगत सिहं नेगी द्वारा उठाए गए जनजातीय क्षेत्रों के नौतोड जैसे मुददों पर सरकार द्वारा चर्चा न करना, सरकार के जनजातीय विरोधी रवैये को दर्शता है। किन्नौर कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. सूर्या बोरस का कहना है कि एक चुने हुए विधायक के मुददों पर सदन में चर्चा न कर जनजातीय क्षेत्र के लोगों के हितो की अनदेखी करना है।
रिकांगपिओ में प्रैस वार्ता के दौरान किन्नौर कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. सूर्य बोरस ने बताया कि बडी हैरानी की बात है कि सात दिन चले इस मानसून सत्र के दौरान किन्नौर के विधायक जगत सिहं नेगी, किन्नौर के मुददों को लेकर सदन के पटल पर चर्चा करना चाहते थे। मगर उन्हें बोलने का पूरा समय नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि आज किन्नौर जिला में ऐसे कई मुददे है, जिन्हे लोगों के हित के लिए सुलझाना बहुत जरूरी है।
वर्ष 2016-17 में राज्यपाल हिमाचल प्रदेश द्वारा फोरेस्ट कंजरवेशन एक्ट 1980 को दो वर्षाे के लिए निरस्त कर जनजातीय लोगों को नौतोड का लाभ दिया जा रहा था। वर्ष 2017 में इसी प्रावधान के तहत किन्नौर जिला में 33 लोगों को नौतोड का लाभ दिया गया। अब दो साल की यह अवधि समाप्त होने को है, लेकिन प्रदेश सरकार इस मामले पर गंभीर नहीं है।
यदि सरकार इस मामले पर गंभीरता दिखाती है तो किन्नौर जिला में 15 हजार के करीब लंबित पडे नौतोड के मामले स्वीकृत हो सकते है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि किन्नौर के विधायक ने इन्ही मुददोंको लेकर विधान सभा सत्र से वाकआउट किया। सरकार के इस फैसले से किन्नौर की जनता आहत हुई है। किन्नौर कांग्रेस इस मुददे को लेकर अब जनता के बीच आएगी।