वीरभद्र सिंह की टिप्पणी पर आश्रय शर्मा ने जताई नाराजगी…..

वी कुमार/मंडी
ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा के सुपुत्र आश्रय शर्मा ने पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह द्वारा उनके खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी की कड़े शब्दों में निंदा की है। मंडी में आश्रय शर्मा ने कहा कि वीरभद्र सिंह और परिवार की अभद्र टिप्पणियां करने की आदत बन चुकी है। बता दें कि आश्रय शर्मा ने वीरभद्र सिंह और उनके परिवार को मंडी से चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी। जिसके जबाव में वीरभद्र सिंह ने कहा था कि वो चूहों के साथ मुकाबला नहीं करते।

    वीरभद्र सिंह की इस टिप्पणी को लेकर आश्रय शर्मा ने नाराजगी जाहिर की है। आश्रय शर्मा ने कहा कि गत वर्ष वीरभद्र सिंह ने इनके दादा पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम को खुले मंच से अपमानित किया था। जिसका खामियाजा कांग्रेस पार्टी को विधानसभा चुनावों में भुगतना पड़ा। अभी हाल ही में वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा के प्रति टिप्पणी करते हुए अभद्रता की सीमाएं लांघ दी। उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि “धोबी का कुत्ता घर का न घाट का”।

   वीरभद्र सिंह और उनका परिवार अभी तक रजवाड़ाशाही में ही रह रहा। आम जनता को कीड़ा-मकौड़ा या चूहा समझ रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की टिप्पणी को जनता बर्दाश्त नहीं करने वाली और एक बार फिर इस परिवार को इसका खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। आश्रय शर्मा ने कहा कि दुनिया में सबसे बड़ी अदालत जनता की अदालत होती है।

    राजनीति में जनता ही तय करती है कि कौन शेर और कौन चूहा। जब चूहा या चींटी जैसे छोटे प्राणी अपनी करनी पर आते हैं तो शेर और हाथी जैसे विशालकाय प्राणियों की नाक में दम कर देते हैं। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह एक बुजुर्ग नेता हैं और व्यक्तिगत तौर पर वह उनका सम्मान करते हैं। मगर जिस प्रकार की अशोभनीय भाषा का वह इस्तेमाल करते हैं उसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

      राजा भले ही एक होता है और रंक हजारों होते हैं, लेकिन जब सभी रंक एकजुट हो जाते हैं तो फिर राजा का तख्त हिल जाता है। आश्रय शर्मा ने फिर एक बार वीरभद्र सिंह और उनके परिवार को सलाह दी है कि राजनीति में अभद्र भाषा का इस्तेमाल न करें। क्योंकि यह उनके परिवार के साथ-साथ उनकी पार्टी के लिए भी घातक साबित होगा।


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